जमशेदपुर : मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराकर जमशेदपुर पूर्वी के विधायक बने सरयू राय ने केबुल वेलफेयर एसोसिएशन में पहली बार केबुल कंपनी के मजदूरों के साथ बैठक की. इस बैठक के दौरान श्री राय ने मजदूरों की समस्याओं को जाना और कंपनी को बंद करने के इतिहास को जानने की कोशिश की. इसके बाद विधायक सरयू राय ने आश्चर्य व्यक्त किया कि केबुल कम्पनी को विगत 20 वर्षों से चलाने की कोई कोशिश क्यों नहीं हुई. उन्होंने कहा कि केबुल कम्पनी को पूरी तरह बंद कर देने की साजिश हो रही है. कम्पनी कानून के अंतर्गत यह मामला एनसीएलटी के पास है, इसमें सरकार भी एक पक्षकार है. परंतु सरकार की ओर से मामले का निपटारा करने के लिए कोई प्रयास नहीं हुआ. ऐसा लगता है कि कुछ निहित स्वार्थी तत्व केबुल कम्पनी को नीलाम कराकर कम्पनी की संपत्तियों को हड़पना चाहते हैं इसलिए यह मामला केबुल कम्पनी कानून के अंतर्गत ही नहीं बल्कि भारतीय दंड संहिता के प्रसंगिक प्रावधानों के अनुरूप भी देखा जाना चाहिए. उन्होंने केबुल कंपनी के मजदूरों को आश्वस्त किया कि वे कानूनी परामर्श लेकर तय करेंगे कि केबुल कम्पनी की संपत्ति हड़पने वालों के विरूद्ध राज्य की सरकार सक्रिय हो और आवश्यक लगने पर इस मामल की जांच एवं कारवाई के लिए सीबीआइ को सौंपा जाये और गंभीर धोखाधड़ी अन्वेषण संगठन से जांचोपरांत कारवाई करने की माँग की जाये. मजदूरों द्वारा यह बताये जाने पर कि एनसीएलटी द्वारा किसी व्यक्ति को केबुल कम्पनी की देखरेख करने का जिम्मा सौंपे जाने के बाद भी कम्पनी की मंहगी सम्पत्तियों की चोरी हो रही है और इन चोरों को सफेदपोश नेताओं का संरक्षण मिला हुआ है. सरयू राय ने आगे उन्हें बताया कि वे जिला के वरीय पुलिस अधीक्षक से कहेंगे कि केबुल कम्पनी मुख्यालय में आग लगने की जाँच के साथ ही केबुल कम्पनी के समानों की चोरी की जाँच भी करायी जाये. उन्होंने मजदूरों को आश्वस्त किया कि वे सरकार को एनसीएलटी में मजदूरों का पक्ष रखने के लिए तैयार करेंगे. सरकार और टाटा स्टील के बीच इस मामले में एक बैठक करने की पहल करेंगे और भविष्यनिधि से मजदूरों का हक दिलाने की पहल की मांग करेंगे. इसके साथ ही कम्पनी काननू की आड़ में जिन लोगों द्वारा केबुल कम्पनी की सम्पत्तियों को हड़पने में लगी है इस साजिश में उन्हें सफल नहीं होने देंगे.