डा. श्रीकृष्ण सिन्हा संस्थान का स्वर्ण जयंती समारोह, देश के समृद्ध बनने में निश्चित नीति का होना जरूरी: राकेश आर्य

जमशेदपुर, 26 अक्टूबर (रिपोर्टर): डा. श्रीकृष्ण सिन्हा संस्थान की 50 वर्षगांठ पर स्वर्ण जयंती समारोह मनाया गया. इस मौके पर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश से आये इतिहासकार राकेश कुमार आर्य ने भारत की स्थिति से अवगत कराते हुए कहा कि देश के समृद्ध बनने में निश्चित नीति का होना जरूरी होता है. उन्होंने कहा कि निश्चित नीति बनेगी तो देश समृद्ध होगा. देश का विकास होगा. उस दिशा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश के इतिहास का विकृतिकरण बल्कि विलुप्तिकरण हुआ. आज से 1200 वर्ष पहले यूरोप, रूस भारत के अधीन था. इस मौके पर ए के श्रीवास्तव, प्रो. डा. त्रिपुरा झा, अखिलेश सिंह समेत स्कूल की दर्जनों शिक्षाकाएं मौजूद थी.
डा. श्रीकृष्ण सिन्हा संस्थान के स्वर्ण जयंती समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि राकेश कुमार आर्य, संस्थान के महासचिव, डा. जंग बहादुर पांडेय, डा. पी एस दयाल यति, जे के श्रीवास्तव, डा. हरिबल्लभ सिंह आरसी, राजदेव सिन्हा, डा. अंगद तिवारी समेत अन्य ने परिसर में स्थित डा. श्रीकृष्ण सिन्हा की मूर्ति पर माल्यार्पण कर किया. समारोह की विधिवत शुरूआत मां सरस्वती के चित्र के आगे पुष्प अर्पित कर व दीप प्रज्ज्वलित कर किया. इस मौके पर संस्थान के संस्थापक व महासचिव हरिबल्लभ सिंह आरसी ने कहा कि संस्थान की ओर से शहर में तीन स्कूलों का संचालन किया जा रहा है. ये विद्यालय शिक्षा की अखंड ज्योति जलाए रखने के लिए खोले गए हैं. भविष्य में महिला विश्वविद्यालय व आदिवासी विश्वविद्यालय खोलने की संस्थान की योजना है. उन्होंने कहा कि उनके स्कूल में लड़कियों को 10वींतक मुफ्त में शिक्षा दी जाएगी।

मुख्य अतिथि डा प्रख्यात इतिहासकार राकेश कुमार आर्य ने कहा कि संविधान निर्माता से जिस संसद में बैठक संविधान लिखा आज देश उसके अनुसार नहीं चल रहा है. इसके लिए चिन्तन हो. उन्होंने कहा कि खुद कमाएं दूसरे को खिलाएं यही देश की संस्कृति है. देश में धर्म नाम का एक शब्द गढ़ा गया था जिसका पर्याय मजहब आ गया. आज मजहब के नाम पर राजनीति शुरू हो गई. यदि धर्म के बदले शब्द नहीं आता तो बेहतर होता देश की विकृतिकरण नहीं होता. उन्होंने कहा कि हमारा वेद कहता है कि मनुष्य बनो. जो मननशील होकर काम उसेे मनुष्य कहते हैंं. मनुष को बनाने में शिक्षा वेद देता है. उन्होंने उत्तर प्रदेश योगी सरकार की नीति की सराहना करते हुए कहा कि आज वहां के आतंकवादी राज्य छोड़ कर भाग गए हैं. क्योंकि उनकी नीति है जो गलत है उसे ठोक दो. इसलिए जब अच्छी नीति बनेगी देश समृद्ध होगा. देश के धर्म, शिक्षा नीति का सही विकास करना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए हिन्दुत्व की रक्षा करनी चाहिए. समारोह की अध्यक्षता जे के श्रीवास्तव ने की. समारोह का संचालन राजदेव सिन्हा व धन्यवाद ज्ञापन डा. अंगद तिवारी ने किया.
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भारत से पूरे विश्व को शिक्षित किया: डा. पी एस यति
समारोह में भाग लेने थावे विद्यापीठ के कुल सचिव डा. पी एस यति ने कहा कि जिस दिन देश के युवा जाग जाएंगे उस दि भारत का विकास होगा. भारत ने पूरे विश्व को शिक्षित करने का काम किया है. वर्तमान शिक्षा भौतिकवादी हो गई है. आज हमें सोचना पड़ रहा है कि भारत की स्थिति क्या है. उन्होंने कहा कि आज प्राथमिक शिक्षा बच्चों से दूर होती जा रही.
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भारत को विश्वगुरु कहलाने का मूलाधार शिक्षा है: डा. जंग बहादुर
रांची के साहित्यकार डा. जंग बहादुर पांडेय ने कहा कि भारत को विश्वगुरु कहलाने का मूलाधार शिक्षा ही है. प्रधानमंत्री शिक्षा पर लगातार जोर दे रह हैं. उन्होंने कहा कि यदि शिक्षा की स्थिति बेहतर करनी है तो खिचड़ी योजना को सरकार को बंद कर देनी चाहिए. क्योंकि बच्चे को शिक्षा देने के बजाय शिक्षा यह सोच लेते हैं कि ठीक से खिचड़ी खा ले और अपने-अपने घर पहुंच जाए. उन्होंने कहा कि देश की वर्तमान शिक्षा की स्थिति संतोषप्रद नहीं है. उन्होंने कहा कि शिक्षा की जो स्थिति बनी हुई है वह श्रीकृष्ण सिन्हा संस्थान जैसे प्राइवेट स्कूलों से बची है. उन्होंने कहा कि शिक्षा का अर्थ किसी भाषा का सम्मान करना नहीं है बल्कि आचार, विचार व संस्कृति का निर्माण करना है.
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ेसमाचार पत्रों के संपादक व प्रबुद्ध लोग हुए सम्मानित
समारोह में कोल्हान विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति डा. शुक्ला मोहंती, हिन्दुस्तान मित्र मंडल के अवध चौधरी, नमन संस्थान के अध्यक्ष अमरप्रीत सिंह काले, तुलसी भवन के महासचिव प्रसेनजीत तिवारी, न्यू इस्पात मेल के संपादक ब्रजभूषण सिंह, चमकता आईना के संंपादक जयप्रकाश राय, साहित्यकार अनिरुद्ध त्रिपाठी अशेष,दशरथ प्रजापति, अजय प्रजापति आदि को सम्मानित किया गया.

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