कोल्हान में सूपड़ा साफ, फिर भी चेत नहीं रहे बीजेपी, बाबूलाल मरांडी का जमशेदपुर में कल कार्यक्रम, भाजपा संगठन में उत्साह न समन्वय, पार्टी की खेमाबाजी का साफ दिख रहा असर

जमशेदपुर : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालने के बाद बाबूलाल मरांडी का जमशेदपुर में पहला विधिवत कार्यक्रम कल होने जा रहा है. भाजपा के प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम ‘संकल्प यात्रा’ कार्यक्रम के तहत कल शाम साकची बोधी टेंपल मैदान में जनसभा होगी. यह कार्यक्रम हर विधानसभा क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है. कल सुबह पोटका में कार्यक्रम होगा, उसके बाद श्री मरांडी साकची के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. इस आयोजन को लेकर जमशेदपुर महानगर में वैसा उत्साह और प्रदेश के साथ वैसा समन्वय कहीं से भी देखने को नहीं मिल रहा है, जिसका असर कार्यक्रम की तैयारियों और उसे लेकर शहर में होर्डिंग बैनर, अखबारों में बयानबाजी आदि पर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है. पूरे कोल्हान के 14 विधानसभा सीटों से भाजपा का सूपड़ा साफ हो चुका है. ले-देकर जन प्रतिनिधि के नाम पर जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो ही पूरी कमान संभाले नजर आते हैं मगर पार्टी की गतिविधि को देखकर कहीं से भी यह नहीं लग रहा है कि वह उन तमान चूक से उबरकर कोल्हान में अपना पैर जमाने का प्रयास कर रही है.
श्री मरांडी के कार्यक्रम को लेकर जो चुनिंदा पोस्टर-बैनर दिख रहे हैं, उनमें अधिकांश जमशेदपुर पश्चिम के कुछ स्वयंभू दावेदारों के सौजन्य से लगाये गये हैं. यह माना जा रहा है कि पिछला कुछ अरसा से इन दावेदारों के खर्चापानी पर ही जमशेदपुर महानगर के आयोजनों की इज्जत बच रही है. भाजपा जब अपने सबसे बुरे दौर से कोल्हान में गुजर रही है, वैसे में इस कार्यक्रम के आयोजन को लेकर पूरी ताकत झोंकी जानी चाहिये थी, मगर वैसा कुछ नजर नहीं आ रहा है. प्रदेश अध्यक्ष की ‘एकला चलो’ नीति भी जमशेदपुर के कार्यक्रम के उत्साह पर भारी पड़ती दिख रही है. ऐसे में संगठन को सब कैसे जोड़ पाएगा और ‘संकल्प यात्रा’ कितना असरदार छाप छोड़ पाएगी,यह सवाल संकल्प यात्रा के इर्द गिर्द अबतक बने माहौल से हर राजनीतिक जानकार के मन में फूट रहा है. प्रदेश अध्यक्ष श्री मरांडी ने धुरी में अर्जुन मुंडा और रघुवर दास के अनुयायियों या उक्त दोनों नेताओं को कितना विश्वास में लिया है, पता नहीं चल रहा, न कोई ऐसा संकेत मिल रहा है.कोल्हान शुरु से ही भाजपा के सत्ता के केन्द्र में रहा है. यहां दो प्रमुख खेमा अभी साफ तौर पर सक्रिय है. उन दोनों खेमों की कितनी सक्रिय भागीदारी कल के कार्यक्रम में देखने को मिलेगी, इसपर भी सबकी नजर रहेगी.
महानगर संगठन का आलम यह है कि जो आक्रामक तेवर विपक्ष में रहते भाजपा का जमशेदपुर ने देखा है, वैसा कुछ आज नजर नहीं आता. अभी के माहौल में ऐसा प्रतीत हो रहा है मानों 15-20 साल के ‘सत्ता सुख’ ने महानगर भाजपा के उस तेवर को कुंद कर दिया है. स्थानीय स्तर पर जितनी जन समस्याएं है या जो विरोधी दल के विधायक हैं, उनके साथ महानगर भाजपा का दोस्ताना संबंध ही दिखता है. ले-देकर महानगर भाजपा के निशाने पर जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ही रहते हैं. पिछले सभी कार्यक्रमों का लेखा-जोखा देखा जाए तो इसमें अधिकांश आंदोलन सरयू राय की इर्द गिर्द ही दिखेंगे.
महानगर भाजपा की कार्यप्रणाली यह है कि कल के कार्यक्रम के लिये कई पुराने भाजपाइयों ने संपर्क करने पर बताया कि उन्हें इस कार्यक्रम को लेकर संगठन की ओर से कोई विधिवत सूचना तक नहीं दी गई है.

Share this News...