नई दिल्ली 29 दिसंबर
बॉलिवुड के महानायक अमिताभ बच्चन को रविवार को प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में उन्हें यह सम्मान दिया। अमिताभ बच्चन ने पुरस्कार लेने के बाद सभी का शुक्रिया अदा किया और यह भी साफ किया कि वह अभी रिटायर नहीं होने जा रहे हैं, अभी उन्हें काम मिल रहा है।
अमिताभ बच्चन ने कहा कि दादा साहब फाल्के पुरस्कार को देने की शुरुआत करीब 50 साल पहले हुई और मुझे इंडस्ट्री में काम करते हुए भी करीब 50 साल हो गए हैं। उन्होंने कहा, ‘जब इस पुरस्कार की घोषणा हुई तो मेरे मन में एक संदेह उठा कि क्या कहीं ये संकेत है मेरे लिए कि भाई साहब आपने बहुत काम कर लिया है, अब घर बैठ के आराम कीजिए। क्योंकि अभी भी थोड़ा काम बाकी है, जिसे मुझे पूरा करना है और आगे भी कुछ ऐसी संभावनाएं बन रही हैं जहां मुझे काम करने का अवसर मिलेगा, यदि इसकी पुष्टि हो जाए तो बड़ी कृपा होगी।’ इस दौरान बैठे सभी लोग हंस पड़े और तालियों की गडग़ड़ाट से सभागार गूंज उठा।
बता दें कि अस्वस्थ होने के कारण अमिताभ बच्चन सोमवार को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में शामिल नहीं हो पाए थे। बताते चलें कि सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया था कि अमिताभ बच्चन को दादा साहेब फाल्के सम्मान से 29 दिसंबर को नवाजा जाएगा। साल 2018 का दादा साहब फाल्के सम्मान फिल्म उद्योग में उल्लेखनीय योगदान के लिए 77 वर्षीय अमिताभ बच्चन को दिया जाना था लेकिन बच्चन अस्वस्थ होने के कारण समारोह में शिरकत नहीं कर सके।
1969 में शुरू हुए दादा साहेब फाल्के पुरस्कार का नाम धुंडीराज गोविंद फाल्के के नाम पर रखा गया है जिन्हें भारतीय सिनेमा का जनक कहा जाता है। इस पुरस्कार के तहत एक स्वर्ण कमल, एक शॉल और 10 लाख रुपये नकद प्रदान किए जाते हैं।
अमिताभ ने फिल्?मों में अपने करियर की शुरुआत 1969 में वॉइस नैरेटर के रूप में की थी। उन्होंने मृणाल सेन की फिल्?म ‘भुवन शोम’ में अपनी आवाज दी थी। अमिताभ ने ऐक्?टर के रूप में अपना डेब्यू फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ से किया था। उन्हें अग्निपथ, ब्लैक, पा और पीकू सहित 4 नैशनल अवॉर्ड्स मिल चुके हैं। उन्होंने 1969 में सात हिंदुस्तानी फिल्म से अपना ऐक्टिंग डेब्यू किया था। उन्हें 2015 में देश का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्म विभूषण भी मिल चुका है।