लाल रंग से लिख कर बस स्टैंड में चिपकाया पोस्टर, दुमका में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास

एस पी ने कहा असामाजिक तत्वों का है काम

दुमका , उपराजधानी दुमका में इन दिनों सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास कुछ शरारती तत्वों द्वारा किया जा रहा है। ऐसा ही नजारा रविवार को देखने को मिला। यहां के अटल बिहारी वाजपेई बस स्टैंड में कुछ असमाजिक तत्वों ने लाल रंग से एक कागज पर लिखकर बस स्टैंड कर्मियों को धमकाने का काम किया है साथ ही एक चूड़ी भी कागज पर चिपका कर बाहरी मेरा घर छोड़ो लिखा गया है। हालांकि पुलिस मौके पर जानकारी मिलते ही पहुंची और पोस्टर को कब्जे में लेकर जांच शुरू की। पोस्टर मिलते ही सभी भौंचक्का रह गए। हालांकि यह उपराजधानी दुमका की शांति व्यवस्था भंग करने का प्रयास ही है। यहां बताते चलें कि मामले की शुरुआत बस स्टैंड में कुछ दिनों पूर्व एक आदिवासी युवक की पिटाई के आरोप से हुआ हालांकि बस कर्मियों ने इसे सिरे से नकारते हुए कहा था कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है बल्कि यह आरोप बिल्कुल सही नहीं है। बावजूद बस स्टैंड में कुछ युवकों ने जमकर तोड़फोड़ की । बाद में आदिवासी युवकों ने थाने का घेराव किया, वहीं बस कर्मियों ने भी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी। इस मामले में दुमका पुलिस ने दोनों पक्षों में सामंजस्य बैठाते हुए वार्ता कर शांत कराया। पर रविवार की घटना ने आग में घी का काम किया है। अब यहां बताते चलें कि कुछ लोगों के शह कहें या बहकावे में आना बाहरी मेरा घर छोड़ो लिखकर यहां की शांति व्यवस्था में खलल का प्रयास ही है। यहां सालों से लोग आपसी भाईचारा के साथ रहते आए हैं परन्तु इस तरह की घटना से आम लोगों में भी तरह तरह का संदेह पैदा होता है। इस मामले में एस पी पितांबर सिंह खैरवार
ने कि यह असामाजिक तत्वों का काम है पुलिस इस पर निगाह रखे हुए है ।

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