नए संसद भवन में आज से कामकाज शिफ्ट होगा. प्रधानमंत्री मोदी संविधान की कॉपी लेकर पुरानी संसद से नई संसद तक पैदल जाएंगे.
सूत्रों से जानकारी मिली है कि आज ही महिला आरक्षण बिल संसद में पेश होगा. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी लोकसभा में पेश करेंगी.
सूत्रों से जानकारी मिली है कि महिला आरक्षण बिल रोटेशनल बेस पर होगा. 180 लोकसभा सीट पर डुअल मेंबरशिप होगी. इनमें से एक तिहाई सीट एससी-एसटी के लिए रिजर्व होगी. साल 2027 के बाद परिसीमन होने के बाद इतनी ही सीट्स को बढ़ाकर महिलाओं के लिए रिज़र्व कर दिया जाएगा.
: 27 साल पहले पहली बार संसद में पेश किया गया था महिला आरक्षण बिल
महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित करने का विधेयक सबसे पहले 1996 में एच.डी. देवगौड़ा सरकार में पेश किया गया था. कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 2008 में इस कानून को फिर से पेश किया. यह कानून 2010 में राज्यसभा में पारित किया गया था, लेकिन यह लोकसभा में पारित नहीं हो सका और 2014 में इसके विघटन के बाद यह खत्म हो गया.
: महिला आरक्षण बिल पर आरजेडी का बयान
महिला आरक्षण बिल पर RJD सांसद मनोज झा ने कहा, ‘कैबिनेट बैठक में कोई ब्रीफिंग नहीं हुई. महिला आरक्षण बिल को लेकर अगर सरकार की नीयत साफ है तो हम इसमें और स्पष्टता चाहते हैं. लालू यादव के समय से हमारी पार्टी का मानना है कि अगर आपका विचार प्रतिनिधित्व बढ़ाने का है तो यह तब तक संभव नहीं है जब तक आप एससी, एसटी और ओबीसी की महिलाओं के लिए कोटा नहीं देते. कोटे के भीतर एक कोटा होना जरूरी है. अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो हमें सामाजिक न्याय पर लंबी लड़ाई लड़नी पड़ेगी.’