जगन्नाथपुर: पश्चिमी सिंहभूम जिले के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र अंतगर्त कासिरा गांव के माटगुटु क्षेत्र के एक खेत में दो दांत वाले एक नर दांतेल हाथी का शव बुधवार सुबह को बरामद हुआ है. घटना की सूचना ग्रामीणों द्वारा गांव के मानकी कामिल केराई, जगन्नाथपुर थाने पुलिस व वन विभाग को ग्रामीणों ने दी . इधर दांतेल हाथी का शव पाये जाने की सूचना जंगल में आग की तरह फैल जाने के बाद आसपास गांव के ग्रामीण इसे देखने पहुंचे. मृत हाथी के दोनो दांत सुरक्षित है.वन प्रमंडल पदाधिकारी, चाईबासा वन प्रमंडल सत्यम कुमार ने चमकता आईना से कहा कि हाथी की मौत स्वाभाविक हुई है। किसी तरह की बीमारेी का भी संकेत नहीं है। चोट के कोई निशान नहीं मिला है। उसके दोनो दांत सुरक्षित होना यह प्रमाण है। इसकी उम्र करीब 50 साल है। हाथी की उम्र सामान्य तौर पर 70-75 साल होती है। आज पोस्टमार्टम के बाद उस् दफना दिया गया। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।
ग्रामीण सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नर हाथी की मृत्यु कैसे हुई यह अभी रहस्य बना हुआ है. बताया जा रहा है कि बीती मंगलवार देर रात लगभग 12 -1 बजे के बीच कासिरा गांव के ही टोला चुरलासाई के आसपास यह यह हाथी अकेला की विचरण कर रहा था. हलांकि हाथी ने किसी प्रकार के जान माल व खेत फसल को नुकसान नही पहुंचाया है। हाथी के विचरण करने की सूचना मिलने पर कुछ ग्रामीणों ने हाथी को सुरक्षित क्षेत्र की तरफ खदेड़ दिया था. जिसके बाद आज बुधवार सुबह हाथी को निंदी केराई नामक महिला के खेत में मृत पाया गया है. मृत हाथी का शव माटगुटु से लगभग आधा किलोमीटर दूर खेत में पाया है. इधर कुछ ग्रामीण यह भी अनुमान लगा रहे है कि हाटगम्हरिया जगन्नाथपुर एनएच 75 किनारे स्थित करंजिया जंगल से यह हाथी क्रशर होते हुए छोटामहुलडीहा गांव के रास्ते कासिरा गांव तरफ आ गया होगा. वही यह भी जानकारी मिली है कि हाथियों का एक झुंड हाटगम्हरिया प्रखंड क्षेत्र के कुस्मिता जंगल में डेरा डाले हुए है. कुस्मिता जंगल से करंजिया जंगल के रास्ते हाथियों का आवगमन कभी भी होता है. हो सकता है यह हाथी किसी झुंड से बिछड़ गया होगा. या फिर यह भी हो सकता है कि हाथी काफी दिनों से बीमार रहा हो. इधर माटगुटु के खेत में नर दांतेल हाथी के शव पाये जाने की सूचना कासिरा पंचायत के मुखिया विमलकिशोर कोड़ा को भी ग्रामीणों द्वारा दी गई है. माटगुटू में मृत हाथी पाये जाने की सूचना के बाद डीएफओ , चिकित्सक टीम व थाना प्रभारी राकेश रंजन सिंह दलबल के साथ पहुंचे. जानकारी हो कि पिछले धान के फसल के सीजन में हाथियों का झुंड अक्सर उड़ीसा राज्य क्षेत्र व झारखंड राज्य के विभिन्न जंगलों से निकल कर भोजन की तलाश में गांव तथा गांव के जंगल आपपास के खेतो में आ जाते है. धान के फसल के साथ साथ जानमाल को भी काफी नुकसान पहुंचाते हैं.