रैंगिंग के चक्कर में अपने जीवन को मुसीबत में न डालें विद्यार्थी- न्यायमूर्ति संजय प्रसाद, टाटा मणिपाल मेडिकल कालेज में एंटी रैगिंग सप्ताह का समापन समारोह

जमशेदपुर 18 अगस्त संवाददाता झारखंड उच्च न्यायालय के माननीय न्यायमूर्ति संजय प्रसाद ने विद्यार्थियों से अपील की है कि वे रैगिंग के चक्कर में खुद को और अपने परिवार को मुसीबत में नहीं डालें। आज मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज द्वारा आयोजित एंटी रैगिंग सप्ताह के समापन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्री प्रसाद में विस्तार से एंटी रैगिंग को लेकर बने कानून और उसके परिणामों से विद्यार्थियों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि देश की अदालत में रैगिंग का पहला मामला आरएमसीएच(आज का रिम्स) में साल 1971 -72 में आया था। पटना हाई कोर्ट ने चार विद्यार्थियों को कंविक्ट किया था। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था । घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उसे दौरान कुछ छात्र गर्ल्स हॉस्टल में घुस गए थे और वहां लड़कियों से रैगिंग के नाम पर बदतमीजी की थी।
उन्होंने कहा कि साल 2001 में सुप्रीम कोर्ट ने रैगिंग को लेकर एक गाइडलाइन दी और हर कॉलेज में दाखिले के समय इसे अनिवार्य बनाया गया। दाखिले के समय ही एक शपथ पत्र भरा जाता है। उन्होंने टाटा मणिपाल मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि वे राष्ट्र और समाज की सेवा में तत्पर रहें।
मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिविल कोर्ट जमशेदपुर, अनिल कुमार मिश्रा ने विद्यार्थियों को रैगिंग के प्रति सचेत रहने की सलाह देते हुए कहा कि शिक्षा जैसे मंदिरों में सुदूर क्षेत्र के विद्यार्थी उद्देश्य लेकर आते हैं। लेकिन रैगिंग के कारण उन्हें यहां अत्यधिक प्रताडऩा झेलानी पड़ती है। रैगिंग करने वाले भी उसके फलाफल को लेकर अवगत नहीं होते और अपनी जिंदगी को मुसीबत में डाल देते हैं । उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वह समाज के लिए क्या कर सकते हैं इस इस पर विचार करने की जरूरत है। उनके नकारात्मक कदम से उनका जीवन नष्ट भी हो सकता है परिवार एवं समाज पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ता है।

जिले के उप विकास आयुक्त आईएएस मनीष कुमार ने कहा कि लीडर रोड ब्लॉक करने वाले नहीं बल्कि रोड बनाने वाले होने चाहिए उ. न्होंने कहा कि कॉलेज से ही इसकी शुरुआत हो जाती है। आईआईटी कानपुर के अपने विद्यार्थी जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए श्री कुमार बताया कि किस तरीके से रैगिंग को लेकर वे खुद उनके परिवार कितने चिंतित थे। उन्होंने कहा कि करीब 10 साल पहले जब 17 -18 वर्ष की उम्र में उन्होंने वहां दाखिला दिया था तो सेकंड ईयर के विद्यार्थियों पर भी इस बात का दबाव था कि यह कैसे रैगिंग करें। श्री कुमार ने विद्यार्थियों से अनुरोध किया कि वह रैगिंग करने के ट्रैक में न फंसें । जूनियर विद्यार्थियों को छोटा भाई मानकर उन्हें सहयोग समर्थन करना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि किसी भी तरह के परेशानी हो तो पुलिस प्रशासन उनके सहयोग के लिए सदैव तत्पर है।
सिटीएसपी के विजय शंकर ने रैगिंग को एक गंभीर मुद्दा बताते हुए कहा कि इससे विद्यार्थियों को मानसिक रूप से काफी आघात पहुंचता है। रैगिंग से संस्थान में भय का माहौल भी बनता है। साल 2017 के एक आंकड़ों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उसे समय 40 प्रतिशत भारतीय विद्यार्थी किसी ने किसी स्तर पर रैगिंग के शिकार हुए थे । उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले 6 सालों में स्थिति जरूर सुधरी होगी। रैगिंग को लेकर सरकार भी बेहद गंभीर है । यूजीसी की ओर से बेहद सख्त रेगुलेशन बनाया गया है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को किसी तरह की भी परेशानी हो तो पुलिस के लिए 24 घंटे उपलब्ध है।
आरंभ में टाटा मेडिकल कॉलेज के डीन जी प्रदीप कुमार ने अपने स्वागत संबोधन में संस्थान के गौरवशाली इतिहास की चर्चा की । उन्होंने कहा कि इस समय देश- विदेश में 3000 से अधिक फैकेल्टी और 28000 से अधिक विद्यार्थी इस संस्थान से जुड़े हैं। पूरी दुनिया में करीब 170000 एल्युमनी हैं।ं स्टूडेंट काउंसिल के प्रेसिडेंट कुशाग्र कुमार ने एंटी रैगिंग के बारे में संस्थान द्वारा चलाए जा रहे हैं कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी दें। इस अवसर पर विद्यार्थियों को एंटी रैगिंग की शपथ दिलाई गई ।
कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर नादिया अहमद एवं डॉक्टर सचिन कुमार पालित ने किया। एंटी रैगिंग वीक के दौरान कॉलेज द्वारा विद्यार्थियों के बीच आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं लेख , स्लोगन, पोस्टर प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया पुरस्कार पाने वालों में सानिया सुमन, अनुष्का नारंग, कीर्ति सिंह, शुभंकर सचिन पालित,ऐश्वर्या बनर्जी, यश गर्ग, अक्शा नाज अख्तर शामिल है।
इस अवसर पर डॉ राजीव द्विवेदी निर्देशक एकेडमी एडमिनिस्ट्रेशन और क्वालिटी ग्रुप, प्रेसिडेंट सोमनाथ दास, डीन प्रदीप गुहा जुडिशल मजिस्ट्रेट एवं रजिस्टर उत्कर्ष जैन, लीगल एडवाइजर जयप्रकाश, जनसंपर्क अधिकारी प्रियंका सिंघल ,मुख्य सुरक्षा अधिकारी कन्हैया उपाध्याय, प्रशासनिक प्रमुख क्षितिज मोहन, महेश्वर प्रसाद प्रोजेक्ट ऑफिसर जी प्रसाद मौजूद थे।

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