नई दिल्ली 20 दिसंबर
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में जारी उग्र विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इशारों-इशारों में इसे एक साहसिक फैसला बताया है। उद्योग जगत के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश को संकटों से निकालने का उनका अभियान लगातार जारी है, लेकिन यह सब आसान नहीं होता है। उन्होंने कहा कि बहुत कुछ सहना पड़ता है, लेकिन देश के लिए करना है।
70 साल की आदतें बदलने में समय लगता है’
दिल्ली के विज्ञान भवन में एसोचैम के सालाना कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश को संकटों से मुक्ति दिलाने के क्रम में बहुत लोगों का गुस्सा सहना पड़ता है। आरोप झेलने पड़ते हैं। लेकिन इन सबके बावजूद देश के लिए करना पड़ता है। 70 साल की आदत बदलने में समय लगता है लेकिन देश के लिए करना पड़ता है।
‘बहुत लोगों की नाराजगी मोल लेनी पड़ती है पर देश के लिए करना है’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकता संशोधन कानून का सीधे नाम तो नहीं लिया, लेकिन इशारों-इशारों में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, ‘यह सब ऐसे ही हुआ होगा क्या? बहुत लोगों की नाराजगी मोल लेनी पड़ती है, बहुत लोगों का गुस्सा सहना पड़ता है। भांति-भांति के आरोपों से गुजरना पड़ता है। लेकिन ऐसा इसलिए संभव हो पाता है, क्योंकि देश के लिए करना है।’
पीएम जब यह बात अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में अपनी सरकार के लिए गए फैसलों को लेकर कही, लेकिन माना जा रहा है कि ‘बहुत लोगों की नाराजगी, गुस्सा’ झेलने की बात ष्ट्र्र के खिलाफ हो रहे उग्र प्रदर्शन की ओर इशारा है।
‘देश में आज वह सरकार को सबकी सुनती है’
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार हर वर्ग को सुनती है। उन्होंने कहा, ‘आज देश में वह सरकार है जो किसान की भी सुनती है, मजदूर की भी सुनती है, व्यापारी की भी सुनती है, उद्योग जगत की भी सुनती है। उनकी आवश्यकताओं को समझने का प्रयास करती है और उनके सुझावों पर काम करती है।’