महगामा 300 बेडवाले अस्पताल के कंसलटेंट को बदलने का खेल
जमशेदपुर, 3 अगस्त : महगामा, गोड्डा में प्रस्तावित 300 शैय्यावाले अस्पताल भवन के निर्माण के लिये नियुक्त आर्किटेक्ट और सलाहकार मेसर्स छाया आर्किटेक्ट एंड कंसलटेंट को कथित रुप से चुप चोरी हटाकर दिल्ली के कंसलटेंट को नियुक्त करने का मामला उच्च न्यायालय, रांची में पहुंचा. इसके पूर्व छाया आर्किटेक्ट एंड कंसलटेंट ने इस कार्य के लिये जिम्मेवार झारखंड राज्य भवन कंस्ट्रक्शन लि. (जेएसईसीसीएल) के प्रबंध निदेशक को पत्र देकर उसके लिये आवंटित काम को ऐन वक्त पर धोखे से छीनने और दिल्ली के मास इन वायड डिजाइन कंसलटेंट को देने के पीछे की घटनाक्रमों का उल्लेख करते हुए शिकायत दर्ज कराई और न्याय करने की मांग की. कोई सुनवाई नहीं होने के बाद छाया कंसलटेंट ने उच्च न्यायालय की शरण ली है. छाया कंसलटेंट का कहना है कि उसे सरकार द्वारा विधिवत उक्त अस्पताल के निर्माण के लिये कार्य आवंटित किया गया लेकिन ऐन वक्त पर ज्ञात हुआ कि यह काम उससे हटाकर दिल्ली की उक्त कंसलटेंट कंपनी को दे दिया गया. छाया कंसलटेंट कंपनी का कहना है कि उसने सात वर्षों तक महगामा के इस अस्पताल के लिये डीपीआर बनाने तक काम किया, टोपोग्राफिकल सर्वे, स्वाइल टेस्टिंग के अलावे विभाग के समक्ष अनेक बार प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया. उसके डीपीआर के आधार पर भी 307,44,57,130 रुपया स्वीकृत भी किया गया. यह अस्पताल ईसीएल के सीएसआर प्रोजेक्ट के तहत बनना है. इस राशि की स्वीकृति ईसीएल ने की. छाया कंसलटेंट ने जेएसईसीसीएल के ईडी संजय कुमार सिंह पर पूरे मामले में मिलीभगत लगाकर गड़बड़ी करने की शिकायत की. छाया कंसलटेंट ने इस संबंध में राज्य के कुछ विधायकों यथा सरयू राय, अमित मंडल आदि से मिलकर उन्हें न्याय दिलाने का आग्रह किया है.