दुमका , उपराजधानी दुमका के रेलवे स्टेशन पर हो रहे कोयला डंपिंग यार्ड से प्रदुषण को लेकर स्थानीय लोगों ने रविवार को स्टेशन परिसर पर धरना प्रदर्शन कर आंदोलन की शुरुआत कर दी है। पिछले दो वर्षों से विरोध प्रदर्शन कर स्थानीय लोगों ने अपनी बातों को रखा था पर जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो मजबूरन उन्हें आंदोलन की शुरुआत करनी पड़ी।
इस संबंध में स्थानीय लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहे रवि शंकर मंडल ने कहा कि यह मुद्दा बहुत ही भयावह रूप लेता जा रहा है , उन्होंने कहा कि प्रदुषण से आमजनों के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है । यह सिर्फ रेलवे स्टेशन के आसपास रहने वाले के लिए नहीं बल्कि पूरे शहर को अपने चपेट में लेगा इसलिए अविलंब कोयला रैक को यहां से हटाने के लिए सभी को एक होना पड़ेगा। वहीं गिरधारी झा ने कहा कि ताजुब्ब है कि इतनी घनी आबादी और शिक्षण संस्थान और सौ गज के दायरे में प्लेटफार्म रहने के बावजूद यहां यहां पर कोयला रैक बनाने की अनुमति दी गई यह यहां की जनता को रेलवे प्रशासन ने ठगने का काम किया है। श्री झा ने कहा कि रेलवे प्रबंधन को दुमका से कोयला रैक हटाना ही होगा। वहीं मेलर समाज के नेता सह स्थानीय निवासी मनोज सिंह मेलर ने कहा कि उन सभी का सपना था कि दुमका में रेल आए सपना पूरा भी हुआ पर यह इतना भयावह होगा इसकी कल्पना भी नहीं की थी। उन्होंने साफ कहा कि दुमका रेलवे स्टेशन संभवतः पहला रेलवे स्टेशन है जहां प्लेटफार्म के इतने नजदीक कोयला डंपिंग यार्ड बनाया गया है। उन्होंने कहा कि अब आंदोलन तेज होगा। श्री मेलर ने कहा कि हम रेलवे को मनमानी नहीं करने देंगे। यहां बताते चलें कि प्रदुषण को लेकर एनजीटी ने संबंधित कंपनी को जुर्माना भी लगाया था बावजूद ये लोग अपनी करनी से बाज नहीं आए।