चीन ने कश्मीर के मुद्दे को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बहस कराने का अपना प्रस्ताव वापस ले लिया है। चीन ने यह फैसला सुरक्षा परिषद के कई सदस्यों के विरोध के बाद लिया। अमेरिका, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन ने भारत का समर्थन करते हुए कहा है कि यह द्विपक्षीय मामला है। 15 सदस्यों वाली यूएनएससी में शामिल इंडोनेशिया ने इस बात पर ऐतराज जताया कि लाइन ऑफ कंट्रोल के भारतीय क्षेत्र की ओर सुरक्षाबलों के जमावड़े को चर्चा का आधार क्यों बनाया जा रहा है। इंडोनेशिया ने कहा कि यह भारत का आंतरिक मामला है।
भारत ने क्योंकि, भारत वर्तमान समय में सुरक्षा परिषद का सदस्य नहीं है। लेकिन, ब्रिटेन ने इस मामले में पहली बार भारत का खुले तौर पर साथ दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अन्य स्थायी सदस्य रूस ने भी कहा है कि फोरम में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं होनी चाहिए। कश्मीर की स्थिति पर चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बंद कमरे में चर्चा कराने का प्रस्ताव रखा था।
एक रिपोर्ट के अनुसार चीन को यूएनएससी में कश्मीर मुद्दा उठाने का अनुरोध पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने किया था। कुरैशी ने पत्र में आरोप लगाया था कि भारत पाकिस्तान को विभाजित करने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने यह भी लिखा था कि भारत ने नियंत्रण रेखा के पांच सेक्टरों से आंशिक तौर पर तारबंदी को हटा दिया है। कुरैशी का कहना था कि भारत एक झूठा ऑपरेशन चला सकता है। मामले पर पूरी तरह से चुप्पी साध रखी थी।