नई दिल्ली,17 दिसंबर (ईएमएस) : वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद की बुधवार को अहम बैठक होने जा रही है. इस बैठक में राजस्व प्राप्ति बढ़ाने के विभिन्न उपायों पर विचार किया जा सकता है. जीएसटी की मौजूदा दर व्यवस्था के तहत उम्मीद से कम राजस्व प्राप्ति के चलते कर ढांचे में बदलाव को लेकर चर्चा तेज हुई है. राजस्व प्राप्ति कम होने से राज्यों को क्षतिपूर्ति भुगतान में विलंब हो रहा है.
जीएसटी प्राप्ति में कमी की भरपाई करने के लिये जीएसटी दर और उपकर में वृद्धि किये जाने के सुझाव दिये गये हैं. पश्चिम बंगाल सहित कुछ राज्यों ने हालांकि, उपकर की दरों में किसी प्रकार की वृद्धि किये जाने का विरोध किया है. राज्य सरकार का कहना है कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच उपभोक्ता के साथ साथ उद्योगों को भी कामकाज में दबाव का सामना करना पड़ रहा है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने जीएसटी और उपकर की दरों की समीक्षा के बारे में सुझाव मांगे हैं. राजस्व प्राप्ति बढ़ाने के वास्ते परिषद ने विभिन्न सामानों पर दरों की समीक्षा करने,उल्टे कर ढांचे को ठीक करने के लिये दरों को तर्कसंगत बनाने, राजस्व प्राप्ति बढ़ाने के लिये वर्तमान में लागू किये जा रहे उपायों के अलावा अन्य अनुपालन उपायों के बारे में सुझाव मांगे हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भेजे एक पत्र में पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रां ने कहा है कि राज्यों को जीएसटी परिषद से पत्र प्राप्त हुआ है. इसमें उनसे राजस्व संग्रह बढ़ाने के बारे में सुझाव मांगे गये हैं. इसमें कहा गया है कि जिन सामानों को जीएसटी से छूट दी गई है उन्हें कर के दायरे में लाने समेत राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिये सुझाव मांगे गये हैं.
मित्रा ने पत्र में लिखा है, ”यह बहुत खतरनाक स्थिति है. हमें ऐसे समय जब उद्योग और उपभोक्ता दोनों ही काफी परेशानी के दौर से गुजर रहे हैं जब मांग और कारोबार में वृद्धि के बिना ही मुद्रास्फीति बढऩे की आशंका बनी हुई है ऐसे समय में कर ढांचे में किसी भी तरह का बदलाव करना अथवा कोई नया उपकर लगाने ठीक नहीं होगा. हमें इसमें कोई छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिये.