चाकुलिया 18 जून (संवाददाता)- झारखंड के राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन का चाकुलिया प्रखंड क्षेत्र में आयोजित दो कार्यक्रम में हिस्सा लिया। पहले भातकुंडा गांव में ग्रामीणों के साथ सीधा संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इसके बाद केएनजे हाईस्कूल परिसर के व्यायामशाला कक्ष में वन प्रबंधन एवं संरक्षण महासमिति सह जोहार भारत भंउडेशन के द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण दिवस दिवस की समापन समारोह में पहुंचे। राज्यपाल ने हाईस्कूल परिसर में गुब्बारे, कबूतर उठाकर एवं पौधारोपण किया गया। इसके बाद मंच पर विरसा मुंडा चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम आगाज किया गया। मुख्य अतिथि के रूप उपस्थित राज्यपाल सी पी राधा कृष्णन ने सम्बोधित करते हुए कहा कि पर्यावरण दिवस के समापन कार्यक्रम में उपस्थित होकर मुझे प्रसन्नता हो रही है। पर्यावरण काफी जरूरी है। आज प्रचंड गर्मी से यह महसूस हो रही है कि पर्यावरण संतुलन रखना कितना आवश्यक है। पानी की किल्लत हो रही है। लोगों को पानी की बोतलें खरीदना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जमुना टुडू पर्यावरण क्षेत्र में अच्छी काम कर रही है। उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। इससे यह ग्रामीण क्षेत्रों में आच्छे काम करने वालों को सम्मान मिला है। आठ-दस साल पहले यह सम्मान छोटे शहरों के बजाय बढ़े शहरों के लोगों को मिलता था। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मिलना मुश्किल था।
उन्होंने कहा कि मतलब यह नहीं कि पहले लोग पर्यावरण नहीं बचाते थे। ग्रामीण क्षेत्र में लोग आच्छे काम करते थें,लेकिन दिखती नहीं थीं। उन्होंने कहा कि श्रीमती जमुना टुडू के काम को सम्मान करता हूँ, उन्होंने साहस दिखाकर महत्वपूर्ण काम कर जंगल बचा रही है। पीएम भी अपने मन की बात कार्यक्रम में जमुना टुडू का बात कही है। इस वर्ष पर्यावरण दिवस के अवसर पर जमुना टुडू ने पांच जून से 17 जून तक पौधा रोपण कार्यक्रम चलाया। उन्होंने कहा कि झारखण्ड में पेड़ को पूजा पर्व के रूप में मानते हैं। इसके लिए देश और दुनिया के लिए गर्व है। उन्होंने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस पांच जून को एन एस एस सदस्यों के साथ राजभवन में पौधा रोपण किया गया। उस दिन यह संकल्प लिया गया है कि राज्य में दो वर्षों में एक करोड़ पौधे लगाये जायेगे। राज्यपाल ने कहा कि जनसंख्या के आधार पर औद्योगिकरण भी आवश्यकता है, लेकिन प्रदूषण पर ध्यान रखना भी चाहिए। पर्यावरण असंतुलन के कारण अनावृष्टि, सूखाग्रस्त लोग प्रभावित हो रहे है। पर्यावरण को संतुलित रखना अतिआवश्यक है। राज्यपाल ने प्लास्टिक के उपयोग पर कहा कि होटल, दुकानों में प्लास्टिक से पेकिंग न करायें, साथ में बर्तन, बैग से सामान लायें। प्लास्टिक प्रदूषण का बढ़ा कारण है। उन्होंने कहा कि झारखण्ड प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है। इसे बचाकर रखें। यहां खनिज संपदा भरपूर है। स्वच्छ, सुन्दर वातावरण बनायें रखना आवश्यक है। झारखण्ड के सम्पदा को सदपयोग कर गरीब लोगों के लिए सही उपयोग करना चाहिए।
इस अवसर पर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में पश्चिम बंगाल के झारग्राम संसद कुनार हेम्ब्रम, पूर्व विधायक लक्ष्मण टूट, भाजपा नेता डाॅ दिनेशानंद गोस्वामी ने समारोह को सम्बोधित किया। स्वागत भाषण वन प्रबंधन एवं संरक्षण महासमिति के अध्यक्ष सह पद्मश्री से सम्मानित जमुना टुडू ने दिया। संचालन शम्भु नाथ मल्लिक ने किया। इस अवसर पर मैट्रिक की परीक्षा स्टेट टाॅपर श्रेया सोनगिरी , डिस्ट्रिक्ट टाॅपर कुणाल पाल, सबर(गुलगुलिया) के अति गरीब दामिनी सबर,(प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण) सहित कई मेधावी छात्रों, चिकित्सा क्षेत्र में अच्छा काम (गरीबों की नि:शुल्क इलाज), के लिए डाॅ नगेन्द्र सिंह, स्वस्थकर्मी प्रबीर बेरा,अंजलि सोरेन,गुरूवारी सोरेन,शांति सोरेन,संगीता मुर्मू, सुमित्रा महतो, नन्दनी बास्के (सभी वन सुरक्षा) के लिए राज्यपाल के हाथों सम्मानित किया गया है।