चांडिल 16 june अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच के बैनर तले शुक्रवार से अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया गया। चांडिल डैम विस्थापितों द्वारा दस सूत्री मांगों को लेकर चांडिल पुनर्वास कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। आज धरना प्रदर्शन का पहला दिन था। अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच की मांग है कि चांडिल डैम के पूर्ण एवं आंशिक रूप से 116 विस्थापित गांवों के सभी विस्थापितों को नौकरी दी जाय। अथवा नर्मदा परियोजना के तर्ज पर प्रत्येक विस्थापित परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा राशि दी जाय।
मांग है कि 1990 के पुनर्वास नीति के अनुसार विस्थापितों को 25 डिसमिल जमीन, 2012 तक 18 वर्ष पूर्ण करने वाले विस्थापित सदस्यों के नाम विकास पुस्तिका, मृत विस्थापितों के आश्रितों के नाम पर विकास पुस्तिका, पुनर्वास स्थलों के जमीन का पट्टा, विस्थापितों को दी गई नौकरी, विकास पुस्तिका, पुनर्वास पैकेज, आवंटित जमीन का सीबीआई जांच समेत दस मांग है।
शर्म की बात है कि 40 साल बीत जाने के बाद विस्थापित आज भी मुआवजा की मांग कर रहे हैं : सुबोधकांत सहाय
चांडिल डैम के विस्थापन का समस्या कैंसर की तरह बन गया है। 40 साल बीत जाने के बाद भी आज विस्थापित अपने जमीन के मुआवजे की मांग कर रहे हैं, यह शर्म की बात है। उक्त बातें पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा। सुबोधकांत सहाय दो दिवसीय दौरे पर ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में है। इस दौरान धरना स्थल पहुंचकर सुबोधकांत सहाय ने विस्थापितों के मांगों को सुना। इस दौरान सुबोधकांत सहाय ने कहा कि जब वे केंद्रीय मंत्री थे तब सुवर्णरेखा परियोजना को दस हजार करोड़ रुपये प्रदान कराया था लेकिन उस राशि को लूट लिया गया है। जितनी भी सरकारें आई, किसी ने विस्थापितों के समस्याओं का समाधान नहीं किया।
बता दें कि सुबोधकांत सहाय कई बार रांची लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और उनमें कई बार केंद्रीय मंत्री रहे। आज जब वे धरना स्थल पहुंचे थे तो विस्थापितों से चांडिल डैम के विषय पर जानकारी ले रहे थे। विस्थापितों के समस्याओं को लेकर विरोधियों और परियोजना के अधिकारियों को दोषी ठहराकर अपना पल्ला झाड़ लिया।
जल भंडारण के नाम पर सरकार और विधायक दोनों मिलकर विस्थापितों के साथ राजनीति कर रहे हैं :हरेलाल महतो
धरना प्रदर्शन को आजसू पार्टी के केंद्रीय सचिव हरेलाल महतो ने अपना समर्थन दिया। धरना स्थल पहुंचकर आजसू नेता हरेलाल महतो ने विस्थापितों से मुलाकात की। वहीं, विस्थापितों के हक अधिकार की लड़ाई में हर संभव सहयोग करने की बात कही। हरेलाल महतो ने कहा कि चांडिल डैम के विस्थापितों के आंदोलन को वह व्यक्तिगत तथा आजसू पार्टी की ओर समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार की कथनी और करनी में आकाश और जमीन की तरह फर्क है। आज 40 साल बाद भी विस्थापितों को अधिकार नहीं मिलना, दुर्भाग्यपूर्ण है। हेमंत सरकार ने चांडिल डैम के विस्थापितों को न्याय दिलाने के लिए विस्थापन आयोग गठन करने का वादा करके वोट लेकर सरकार बनाया है लेकिन साढ़े तीन साल बाद भी विस्थापन आयोग का गठन नहीं हुआ। स्पष्ट है कि हेमंत सरकार ने चांडिल डैम के विस्थापितों को धोखा देने का काम किया है और अब जल भंडारण के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। सरकार 185 मीटर जल भंडारण की बात करती हैं और सरकार के ही विधायक जनता को 182 मीटर जल भंडारण का आश्वासन दे रही हैं। चांडिल डैम के विस्थापितों को न्याय दिलाने के लिए आजसू पार्टी आगे चलकर बड़े आंदोलन शुरू करेगी। इस अवसर पर प्रखंड अध्यक्ष दुर्योधन गोप, लक्ष्मीकांत महतो, पुलक साथपति, राकेश महतो, अनूप महतो आदि मौजूद थे।