विपक्षी पार्टियों ने बिलावल के नमस्ते को कूटनीति के खिलाफ माना
बिलावल ने नमस्ते पर दी सफाई, बोले- हम ऐसे ही अभिवादन करते हैं
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत आए हुए हैं। यह पिछले एक दशक से भी अधिक समय में किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की पहली भारत यात्रा है। भारत और पाकिस्तान के बीच आतंकवाद समेत कई मुद्दों को लेकर बातचीत बंद है। ऐसे में बिलावल के इस दौरे को दोनों देशों के संबंधों में मील का पत्थर माना जा रहा है। हालांकि, बिलावल की भारत यात्रा को लेकर पाकिस्तान में बवाल भी मचा हुआ है। पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों ने बिलावल के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। अब एससीओ मीटिंग की शुरुआत में एस जयशंकर के सामने बिलावल के हाथ जोड़ने को लेकर पाकिस्तानी राजनेता भड़के हुए हैं। कई राजनेताओं ने बिलावल की इस हरकत को शर्मनाक करार दिया है।
बिलावल ने क्यों किया नमस्ते
दरअसल, एससीओ मीटिंग की औपचारिक शुरुआत के पहले भारतीय विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों का स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने रूस, चीन समेत बाकी के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों से हाथ मिलाया, लेकिन पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को नमस्ते कर औपचारिक स्वागत किया। बिलावल ने भी एस जयशंकर के नमस्ते के जवाब में अपने हाथ जोड़ लिए। पाकिस्तान में इसी घटना को लेकर विपक्षी पार्टियों ने बिलावल भुट्टो जरदारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
पाकिस्तान के विपक्षी नेता क्या कह रहे
पाकिस्तान की प्रमुख विपक्षी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की नेता और इमरान खान सरकार में मानवाधिकार मंत्री रहीं शिरीन मजारी ने ट्वीट कर बिलावल भुट्टो के नमस्ते पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि असली कहानी इस तस्वीर में है जहां भारतीय समकक्ष और मेजबान (एस जयशंकर) ने बिलावल से हाथ मिलाने के लिए अपना हाथ नहीं बढ़ाया और नमस्ते किया लेकिन बिलावल ने भी ऐसा ही किया। कूटनीति में संकेतों का काफी महत्व होता है, खासकर जब दोनों दुश्मन देश हों। यह बिलावल के तुष्टिकरण का संकेत था जो कि शर्मनाक है। उनके इस ट्वीट को पाकिस्तान के पूर्व संचार मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने भी ट्वीट किया है।
बिलावल ने नमस्ते पर दी सफाई
भारत में एससीओ बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि सिंध में, हम इस तरह एक दूसरे का स्वागत करते हैं। इसे “सभ्य” कहते हैं। बिलावल भुट्टो के खानदान की जड़े सिंध सूबे से जुड़ी हुई हैं। उनके दादा जुल्फिकार अली भुट्टो और मां बेनजीर भुट्टो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। उनके पिता आसिफ अली जरदारी पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हैं।