: झारखंड कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी छवि रंजन कथित अवैध भूमि सौदों में धनशोधन की जांच के सिलसिले में आज ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। आज उनसे इडी कार्यालय में करीब 10 घंटे पूछताछ की गई। उसके बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया।. छवि रंजन तकरीबन 11 बजे ईडी ऑफिस पहुंचे. यहां उनसे भूमि घोटाला केस में पूछताछ शुरू हो चुकी है. छवि रंजन सरायकेला खरसांवा और रांची के उपायुक्त रह चुके हैं। पूजा सिंघल के बाद छवि रंजन दूसरेऐसे आईएएस अधिकारी हैं जिनको गिरफ्तार किया गया है। छवि रंजन के जमशेदपुर सहित कई ठिकानों पर छापामारी हो चुकी है।
रांची सेना जमीन घोटाला केस में ईडी के सामने यह छवि रंजन की दूसरी पेशी है. इससे पहले छवि रंजन से 24 अप्रैल को 10 घंटे तक पूछताछ हुई थी. तब अधिकारियों ने उनसे अलग और फिर गिरफ्तार 7 आरोपियों के सामने बिठाकर पूछताछ की थी. आरोपियों ने आईएएस छवि रंजन के सामने कबूल किया कि उन्होंने वही किया जो उन्हें छवि रंजन ने करने को कहा था. हालांकि, छवि रंजन ने आरोपों से इनकार किया था. ईडी ने छवि रंजन से उनकी संपत्ति का ब्योरा भी मांगा है.
ईडी ने कई ठिकानों पर मारा था छापा
गौरतलब है कि 13 अप्रैल को ईडी ने जमीन घोटाला केस में आईएएस छवि रंजन के रांची और जमशेदपुर स्थित आवास और सिमडेगा व हजारीबाग सहित पश्चिम बंगाल-बिहार के 18 ठिकानों पर छापा मारा था. छापेमारी में खुलासा हुआ कि फर्जी डीड और दस्तावेजों के सहारे रांची में करोड़ों रुपये की जमीन अवैध तरीके से बेच दी गई. इस मामले में कोलकाता के अधिकारी त्रिदीप मिश्रा और रांची के डिप्टी रजिस्ट्रार वैभव मणि त्रिपाठी से भी पूछताछ हो चुकी है. बताया जाता है कि ईडी को मामले में जितने सबूत मिले हैं उनसे छवि रंजन की मुश्किलें बढऩे वाली हैं.
दूसरे मामले में आईएएस अधिकारी आया नाम
सूत्रों ने कहा कि इस धोखाधड़ी के तहत गरीबों और दलितों की जमीनों को हड़प लिया गया. पीएमएलए के तहत अपनी जांच शुरू करने के लिए, संघीय एजेंसी ने रांची में अधिकारियों द्वारा दर्ज कुछ व्यक्तिगत पहचान दस्तावेजों की जालसाजी से संबंधित पुलिस प्राथमिकी का संज्ञान लिया. सूत्रों के मुताबिक, एजेंसी ने तलाशी के दौरान कई फर्जी मुहरें, जमीन के कागजात और रजिस्ट्री दस्तावेज बरामद किए थे. यह दूसरा मामला है जिसमें झारखंड कैडर का कोई आईएएस अधिकारी ईडी की जांच के दायरे में आया.