संक्रमण से बचें, होने पर आइसोलेट कर लें
जमशेदपुर : टाटा मेन अस्पताल (टीएमएच) में एक एच3एन2 इंफ्लूएंजा का मरीज आया है. वहीं, करीब पांच नये संदिग्ध मरीज आये हैं, जिनका सैंपल टेस्ट के लिए भेजा गया है. आरटीपीसीआर टेस्ट के जरिये ही इसका भी टेस्ट हो रहा है, जिस तरह कोरोना के मरीजों का टेस्ट होता था. लेकिन यह कोरोना जैसा घातक नहीं है, लेकिन सबको एच3एन2 जैसे इंफ्लूएंजा को लेकर भी सावधान रहने की जरूरत है. यह जानकारी टाटा स्टील के मेडिकल सर्विसेज के महाप्रबंधक (जीएम) डॉ सुधीर राय ने दी. उनके साथ मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ अशोक सुंदर भी मौजूद थे, जिन्होंने एच3एन 2 की स्थिति, उसकी रोकथाम के बारे में ग्राउंड रियेलिटी बतायी. ये दोनों शनिवार को वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
डॉ राय और डॉ सुंदर ने बताया कि टीएमएच में एच3एन2 के लिए वार्ड 8ए बनाया गया है. इसमें कुल 18 बेड हंै, जिसको दो भागों में बांटा गया है. 6 दिन पूर्व साकची की एक महिला एच3एन2 से संक्रमित पायी गयी थी. उसका सैंपल टेस्ट किया गया, जिसमें वह पॉजिटिव थी. लेकिन उसकी तबीयत पहले से ठीक है. इसकी उम्र 68 है, जिनको अब अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है. उन्होंने बताया कि सैंपल की टेस्टिंग चल रही है. पांच संदिग्ध मरीज हैं, जिनकी टेस्टिंग कराने के लिए सरकारी एजेंसियों को भेजा गया है. उसकी रिपोर्ट का इंतजार है. इसकी रिपोर्ट 48 घंटे बाद सरकार द्वारा जारी किया जाता है. वहीं मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ अशोक सुन्दर ने बताया कि यह बीमारी मौसमी फ्लू है और यह कोरोना से काफी अलग है. इसके लक्षण कोरोना की तरह के ही हैं, परंतु इसमें मृत्यु की संभावना काफी कम है. देशभर में अब तक केवल 451 मरीज ही इस एच3एन2 के पाए गये हैं, जिनमें केवल 9 लोगों की मौत हुई है. लेकिन झारखंड या जमशेदपुर में किसी की मौत नहीं हुई है.
डॉक्टर ने बताया कि यह इंफ्यूएंजा अप्रैल या मई अंत तक खत्म हो जायेगा, ऐसी उम्मीद है. उन्होंने बताया कि जो संक्रमित मरीज होते हैं, उनमें वायरस खत्म हो जाने के सात दिनों बाद जबकि बच्चों को करीब 14 दिन तक निगरानी में रखा जाता है, उसके बाद छुट्टी दे दी जाती है, लेकिन अगर मरीज चाहे तो वह घर जा सकता है, लेकिन उसको लिखित तौर पर देना होगा कि वह अपनी मर्जी से जाना चाहता है. उन्होंने बताया कि एच3एन2 एक इंफ्लुएंजा है, जो एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है. यह तब फैलता है जब संक्रमित व्यक्ति दूसरे से बात करता है, खांसता है या छींकता है. दूषित सतह को छूने से या मुंह नाक को छूने से भी यह फैल सकता है. वहीं उन्होंने बताया कि इसके मरीजों को होम आइसोलेशन की सलाह दी जाती है. जो भी व्यक्ति एच3एन2 से संक्रमित होता है उन्हें टैमीफ्लू लेने की सलाह दी जाती है. वहीं संक्रमण वाले को 75 एमजी 5 दिनों तक खानी होगी.
दूसरी ओर, जो व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आये हैं, उन्हें भी टैमीफ्लू लेने की सलाह दी जाती है. संपर्क में आने वाले व्यक्ति को टैमीफ्लू 10 दिनों तक 45 एमजी लेनी होगी. डॉ अशोक ने बताया कि इसमें संक्रमित मरीज जो निमोनिया, बुखार, खांसी, गले में खराश, बहती या भरी हुई नाक, शरीर में दर्द, सिरदर्द, थकान, दस्त के मरीज है, उनकी सैंपल लेकर लैब में जांच के लिए भेजी जाती है, जिसकी रिपोर्ट 48 घंटे बाद भेजी जाती है. इससे बुजुर्गों और उन लोगों को सावधान रहना चाहिए जो सांस संबंधित पुरानी बीमारी, हृदय की समस्या, किडनी के रोग से जूझ रहे हो. ऐसे लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगह पर जाने से बचना चाहिए. इससे बचने के लिए लोगों को लगातार हाथों को साबुन और पानी से धोते रहे. बीमार लोगों के संपर्क में आने से बचे. छींकते या खांसते समय अपने मुंह या नाक को टिश्यू या कोहनी से ढक ले. भीड़-भाड़ वाले इलाके में जाने से बचे. बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को सख्ती बरतने की सलाह दी जाती है. बाहर जाए तो मास्क जरूर पहने.