बोकारो
रेलवे जमीन से अतिक्रमण हटाने के दौरान धनघरी में बुधवार अहले सुबह विस्थापितों और जिला प्रशासन के बीच में झड़प हो गई। इस दौरान पत्थरबाजी की गई। पुलिस ने इस दौरान लाठीचार्ज करते हुए रबड़ बुलेट फायरिंग की जिसमें एक दर्जन से अधिक ग्रामीण भी घायल हुए हैं। इस झड़प में
सेक्टर नाइन के थानेदार संतोष कुमार सहित छह से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए।
स्थानीय ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन पर दमन आत्मक कार्रवाई करते हुए मारपीट करने का आरोप लगाया है वही महिलाओं ने बताया कि पुलिस जवानों ने महिला पुलिस के रहने के सबको घर में घुसकर मारपीट करने का काम किया।
ग्रामीणों का कहना है कि हमें 2013 के भूमि अधिग्रहण के नियम के मुताबिक मुआवजा दिया जाए। इसकी मांग को लेकर हम लोग धरना दे रहे थे।
वही चास के एसडीएम दिलीप प्रताप सिंह शेखावत ने हल्का बल प्रयोग करते हुए 5 राउंड रबर बुलेट फायरिंग करने की बात कही है।
जानकारी के अनुसार, धनघरी के विस्थापित तुपकाडीह-तलगड़िया रेलवे लाइन के दोहरीकरण कार्य को रोक रहे थे। उपायुक्त कुलदीप चौधरी के नेतृत्व में प्रशासन ने बुधवार की अहले सुबह विस्थापितों से जमीन खाली करवाना सुरु कर दिया।
मौके पर उपायुक्त कुलदीप चौधरी और एसपी चंदन कुमार झा कैंप मौजूद थे।रेल मार्ग की परियोजना को पूरा करने के लिए लंबे समय से प्रशासन पर दबाव था। कई दौर की वार्ता के बाद भी विस्थापित अपनी जिद पर अडे़ हुए थे। जब बातचीत से वे वहां से नहीं हटे तो मजबूरन प्रशासन ने बुधवार सुबह यह कार्रवाई की।बता दें कि तुपकाडीह से तालगड़िया तक के बीच के रेलवे लाइन का दोहरीकरण का काम बीते तीन साल से चल रहा है। 95 प्रतिशत काम पूरा भी हो चुका है।
बीते साल 24 सितंबर को प्रशासन के सहयोग से रेलवे ने 16 मकानों को ध्वस्त कर रेलवे लाइन का रास्ता भी साफ कर दिया। इसके बाद से गांव के लोग लगातार धरना दे रहे थे। जब भी रेलवे के कर्मी काम करने पहुंचते ग्रामीण मुआवजा की मांग को लेकर विरोध करते थे।