कैबिनेट में नियोजन नीति पर बड़ा फैसला: राज्य से दसवीं और बारहवीं की पढ़ाई की अनिवार्यता खत्म

भाषा पेपर में हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत को जोड़ा गया

रांची

झारखंड कैबिनेट की बैठक में नियोजन नीति को लेकर अहम फैसला लिया गया है। नियोजन नीति में जेएसएससी से होने वाली नियुक्तियों में अब राज्य के संस्थान से दसवीं और बारहवीं की पढ़ाई करना अनिवार्य नहीं होगा। इसके साथ ही स्थानीय रिति रिवाज की अनिवार्यता को भी हटा दिया गया है। वहीं भाषा पेपर में हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत को जोड़ा गया है। अब क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा पेपर में कुल 15 भाषा होंगे। इसमें 100 अंक के सवाल पूछे जायेंगे जो बहुवैक्लपिक होंगे। नगरपालिका सेवा सवर्ग के लिए होने वाली नियुक्ति नियमावली से दसवीं और बारहवीं की अनिवार्यता को हटाया गया है, यहां क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा पेपर में संशोधन का जिक्र नहीं किया गया है
झारखंड एकेडमिक काउंसिल, सीबीएसई और आईसीएससी बोर्ड से मैट्रिक और इंटर की परीक्षा फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड आने वाले छात्रों को प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। प्रथम आने वाले को तीन लाख, सेकेंड आने वाले को दो लाख और तीसरे नंबर को एक लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। इसके साथ ही साठ हजार रुपए तक का लैपटॉप और 20 हजार रुपए तक का मोबाइल दिया जायेगा। कैबिनेट में कुल 50 प्रस्तावों पर सहमति बनी है। इसमें नियोजन के साथ- साथ देवघर में दुर्गा सोरेन विश्वविद्यालय खोलने पर भी सहमति दी गयी है इसके अतिरिक्त साहेबगंज में मॉडल डिग्री कॉलेज का निर्माण राज्य योजना मद से होगा। इसके अलावा खाद्य सार्वजनिक वितरण विभाग रांची में दो कर्मियों की सेवा नियमतिकरण की गयी है नसरुद्दीन खान और कार्तिक महिला। इसके साथ ही ओलंपिक खेल सहित विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल में राज्य का प्रतिनिधि करने वाले खिलाड़ी और प्रशिक्षकों को दी जाने वाली राशि में संशोधन किया गया है।

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