अयोध्या में 10 दिसंबर तक धारा-144 लागू, जिले को चार जोन- रेड, येलो, ग्रीन और ब्लू में बांटा गया
सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार या भड़काऊ कंटेंट पर नजर रखने के लिए 16 हजार वॉलंटियर तैनात
गड़बड़ी रोकने के लिए 3000 लोगों को चिह्नित करके उनकी निगरानी शुरु
नई दिल्ली/अयोध्या.(8 नवंबर इएमएस) रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 17 नवंबर से पहले आने की संभावना है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने फैसले से पहले देश के सभी राज्यों को अलर्ट पर रहने को कहा है। केंद्र ने अर्धसैनिक बलों के 4,000 जवान भी उत्तर प्रदेश के लिए रवाना कर दिए हैं। वहीं अयोध्या में प्रशासन ने 10 दिसंबर तक धारा-144 लागू कर दी है। प?ोसी जिले अंबेडकर नगर में 8 अस्थायी जेल बनाई गई हैं। ये सभी जेल, कॉलेजों में बनाई गई हैं। इधर, विहिप ने राम मंदिर के लिए पत्थर तराशने का काम रोक दिया।
प्रशासन ने फोर्स की 100 कंपनियां मांगीं
अयोध्या जिले को चार जोन- रेड, येलो, ग्रीन और ब्लू में बांटा गया है। इनमें 48 सेक्टर बनाए गए हैं। विवादित परिसर, रेड जोन में स्थित है। पुलिस के मुताबिक, सुरक्षा योजना इस तरह बनाई जा रही है कि एक आदेश पर पूरी अयोध्या को सील किया जा सके। प्रशासन ने फैसले का समय नजदीक आने पर, अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त 100 कंपनियां मांगी हैं। इससे पहले दीपोत्सव पर यहां सुरक्षाबलों की 47 कंपनियां पहुंची थीं, जो अभी भी तैनात है।
विहिप ने सभी कार्यक्रम रद्द किए
अयोध्या में विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि राम मंदिर के लिए पत्थर तराशने का काम रोक दिया गया है। 1990 के बाद यह पहला मौका है, जब पत्थर तराशना बंद किया गया है। अब तक 1.25 लाख घनफीट पत्थर तराशा जा चुका है। अभी 1.75 लाख घनफीट पत्थर को तराशना बाकी है। पत्थर तराशने में लगे कारीगर घर लौट गए हैं। विहिप प्रवक्ता ने कहा- फैसले के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा। इसके साथ ही विहिप ने अपने सभी कार्यक्रम भी निरस्त कर दिए।
16000 वॉलियंटर्स तैनात
अयोध्या पुलिस ने सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार के दुष्प्रचार या किसी भी सम्प्रदाय के खिलाफ भड़काऊ कंटेंट के प्रसार पर नजर रखने के लिए जिले के 1600 स्थानों पर 16 हजार वॉलंटियर तैनात किए हैं। गड़बड़ी रोकने के लिए 3000 लोगों को चिह्नित करके उनकी निगरानी की जा रही है।
हमारी तैयारियां पूरी: डीएम
अयोध्या के डीएम अनुज कुमार ने कहा कि प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। हालांकि फैसले के मद्देनजर विवादित जगह के आसपास रहने वाले लोग घरों में राशन जमा कर रहे हैं। हालांकि, उन्हें भरोसा दिलाया गया है कि सामान्य जीवन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। फैसले के बाद स्कूलों के खुलने के संबंध में भी बातचीत की जा चुकी