सौ सालों से कोल्हान के माइनिंग उद्योगों का 2 प्रतिशत भी स्थानीय पर खर्च होता तो बदल जाती सूरत-चंपई सोरेन

आदित्यपुर ऑटो क्लस्टर में राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों के नियोजन अधिनियम पर कार्यशाला आयोजित, शामिल हुए मंत्री

आदित्यपुर (रिपोर्टर): झारखंड सरकार के निजी क्षेत्र में स्थानीय नियोजन अधिनियम एवं नियमावली को लेकर सोमवार को आदित्यपुर स्थित ऑटो क्लस्टर सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें निजी क्षेत्र के नियोक्ता, उद्यमी, निजी संस्थान से जुड़े प्रतिनिधि मौजूद रहे. कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड सरकार के आदिवासी कल्याण एवं परिवहन मंत्री चंपई सोरेन उपस्थित थे. उन्होंने कहा कि करीब सौ सालो से कोल्हान क्षेत्र में माइनिंग और उद्योग धंधे स्थापित हैं. बावजूद इसके स्थानीय लोगों को रोजगार जिस दर से उपलब्ध होना चाहिए. वह नहीं हो सका है. मंत्री ने कहा कि उद्योग-धंधे विकसित हुए, लेकिन इन 100 सालों में उद्योगों के विकास से जुड़े 2 प्रतिशत फंड का भी खर्च अगर स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने पर होता, तो स्थिति आज कुछ और होती.
श्री सोरेन ने कहा कि जल, जंगल, जमीन से जुड़े आदिवासी मूलवासियों को बचाए रखने की जरूरत है. लिहाजा सरकार द्वारा इनके हितों की रक्षा करने के उद्देश्य से ही निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों को नियोजन में प्राथमिकता देने विधेयक लायी है. मंत्री ने स्थानीय उद्योगों के जनप्रतिनिधियों का समर्थन प्राप्त करने की बात कहते हुए कहा कि 22 साल राज गठन होने के बावजूद आदिवासी मूलवासीयों का विकास दर कम है. ऐसे में स्थानीय उद्योग स्थानीय लोगों के उंगली पकडक़र चले, ताकि राज्य और आगे बढ़ सके. कार्यशाला को खरसावां विधायक दशरथ गागराई, ईचागढ़ विधायक सविता महतो, जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा, ऑटो क्लस्टर के एमडी एसएन ठाकुर व एसिया के पूर्व अध्यक्ष इंदर अग्रवाल ने भी संबोधित किया. कार्यशाला की अध्यक्षता जिला उपायुक्त अरवा राजमकल ने की, जबकि धन्यवाद ज्ञापन एडीसी सुबोध कुमार ने किया. इस मौके पर निजी क्षेत्र के नियोक्ता, उद्यमी व निजी संस्थान से जुड़े प्रतिनिधि मौजूद थे.
राज्य में मुख्यमंत्री गाड़ी-बस योजना की होगी शुरुआत
कार्यशाला में मंत्री चंपई सोरेन ने बताया कि झारखंड में जल्द ही सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों को जोडऩे के उद्देश्य से मुख्यमंत्री गाड़ी बस योजना की शुरुआत होगी, जिसमें सुदूरवर्ती गांव तक सरकार द्वारा बसों का परिचालन कराया जायेगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लोग लाभान्वित हो सकेंगे.
नियोजन में प्राथमिकता नहीं देने पर संस्थानों को लगेगा जुर्माना: डीसी
कार्यक्रम में मौजूद जिले के उपायुक्त अरवा राजकमल ने बताया कि उद्योगों के सरलीकरण एवं स्थानीय युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता देने का पूरा प्रयास किया जा रहा है. इस दौरान हर छोटी बड़ी इकाइयों से नियोजनालय में हर हाल में निबंधन कराने की अपील की गई. उपायुक्त ने उद्यमी संगठनों एवं औद्योगिक इकाइयों से मिल रहे सहयोग की सराहना करते हुए कि कहा कि वैसे संस्थान, जिन्होंने अब तक सरकार के पोर्टल पर निबंधन नहीं कराया हैं, वे अविलंब सक्षम अधिकारियों के समक्ष नियोजन करा लें. ऐसा नहीं करने पर जुर्माना लग सकता है. उन्होंने साफ तौर पर झारखंड सरकार के नियोजन नीति 2021-22 के प्रावधानों के तहत संस्थान चलाने की अपील की.

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