वार्डन है या हैवान? छात्रावास से बाहर निकलीं कस्तुरबा की छात्राएं, वार्डन की प्रताडऩा से राहत दिलाने की गुहार
सुबह पहुंचीं समाहरणालय,
चाईबासा कार्यालय, 16 जनवरी: पश्चिमी सिंहभूम के कस्तूुबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय खूंटपानी की 61 छात्राएं रविवार की मध्य रात चोरी-छिपे छात्रावास से निकल गयी और लगभग 17 किमी सुनसान सडक़ पार करते हुए सुबह 7 बजे उपायुक्त से अपनी फरियाद सुनाने जिला समाहरणालय पहूंची तो प्रशासन सहित शिक्षा विभाग में हडक़ंप मच गया। उपायुक्त के निर्देश परजिला शिक्षा अधीक्षक समाहरणालय पहूंचे और छात्राओं को समझा-बुझाकर वाहनो से उनके विद्यालय तक पहुंचाने की व्यवस्था की।छात्राओं बताया कि वार्डन द्वारा हर समय छात्राओं को प्रताडि़ता किया जाता है। कोई पदाधिकारी निरीक्षण में आते है तो पहले ही छात्राओं को धमका कर झूठ बोलने के लिए मजबूर कर दिया जाता है कि उन्हें सब कुछ मिलता है। छात्राओं ने कहा कि सरकार द्वारा भोजन सहित अन्य जो सुविधाए उपलब्ध कराई जाती है, वह भी छात्राओं को नहीं मिलता है। बासी भोजन जबरन खिलाया जाता है। नीचे क्लास की बच्चियों को इस कड़ाके के ठंड में फर्स पर चटाई डालकर सोने को मजबूर किया जाता है। किसी तरह का विरोध करने पर डांट के साथ-साथ वार्डन द्वारा पिटाई भी की जाती है। अभिभावक के साथ होने वाली बैठक में अगर कभी मामले को उठाया जाता है तो बाद में उक्त छात्रा के साथ वार्डन द्वारा प्रताडि़त किया जाता है। छात्राओं ने बताया कि उनलोगो से शौचालय साफ कराया जाता है। जाम आदि होने की स्थिति में छात्राओं से पैसा वसूल कर स्वीपर को बुलाकर साफ कराया जाता है। इसी तरह बिजली बिल के नाम पर भी वसूली की जाती है। वार्डन का कहना है कि 1 लाख से उपर बिजली बिल आता है। इसलिए सभी को बिजली का पैसा देना होगा। शौचालय में छिटकनी तक नहीं है। एक छात्रा बाहर खड़ी रहती और दुसरी शौचालय में जाती है। छिटकनी लगाने हेतु कहने पर डाट-फटकार कर दिया जाता है। रातभर चलने के बाद छात्राएं जब सुबह चाईबासा पहूंची तो सांसद गीता कोड़ा को फोन कर घटना की जानकारी दी और वार्डन द्वारा मानसिक रूप से प्रताडि़त करने का आरोप लगाया। गीता कोड़ा द्वारा तुरंत उपायुक्त को फोन से जानकारी दी गयी। उसके बाद उपायुक्त ने जिला शिक्षा अधीक्षक अभय कुमार शील को समाहरणालय भेजा। श्री शील ने कहा कि पूूरे मामले की एक टीम बनाकर जांच करायी जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। समाहरणालय पहुंचने वाली सभी छात्राएं 11वीं कक्षा की है। कस्तूरबा विद्यालय के 61 बच्चियों द्वारा रातभर चल कर चाईबासा पहूंचने के खबर ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी। बच्चियों के अभिभावक एवं वुद्धिजीवी भागे-भागे कस्तूरबा विद्यालय पहूंचे और घटना की जानकारी ली। मौकें पर पहूंचे अभिभावको का कहना था कि बच्चियों द्वारा इस तरह की शिकायत बराबर की जाती थी। बैठक में वे लोग इसे रखते थे, लेकिन वार्डन द्वारा कोई सुधार नहीं किया गया। अंत में बच्चियों ने जोखिम भरा कदम उठाया। आदिवासी हो समाज महासभा के प्रतिनिधि भी विद्यालय पहूंचकर घटना की जानकारी ली। इधर पष्चिमी ंिसंहभूम जिला भाजपा ने एक जांच टीम गठित की है। जांच रिपोर्ट केन्द्र सरकार को भेजेगी।