चंडीगढ़: क्रिकेटर ऋषभ पंत की जान बचाने वाले सुशील कुमार सुर्खियों में हैं। अपने नेकदिली से हरियाणा रोडवेज बस के ड्राइवर सबका दिल जीत रहे हैं। सुशील कुमार उस दिन को याद करते हैं जब दिल्ली-देहरादून हाइवे पर मोहम्मदपुर झाल के पास उन्होंने एक कार को नियंत्रण खोकर डिवाइडर से लड़ते देखा था।
सुशील कुमार ने जोर से चिल्लाते हुए अपने कंडक्टर से कहा, परमजीत, हाथ दे जल्दी, गाड़ी लगवा। इसके बाद सुशील और उनके हेल्पर बस से कूदकर पंत की कार की तरफ जाते हैं। लहूलुहान पंत किसी तरह कार से बाहर निकले जो बाद में आग का गोला बन गई। सुशील कुमार अपने कंडक्टर से कहते हैं, इसको जल्दी उठवा, गाड़ी में आग लग रही है।
सुशील कुमार और कंडक्टर पंत को सडक़ के किनारे लेकर आए और पूछा, क्या आप ठीक हैं? क्या कार में कोई और भी है। लेकिन पंत अकेले कार चलाकर अपनी मां को सरप्राइज देने घर जा रहे थे। वह मुश्किल से ही कुछ बोल पा रहे थे और अपने फोन की तरफ इशारा करके किसी तरह बोले- मेरी मम्मी को फोन मिला दो।
सुशील कुमार ने कार के पास पड़े फोन को उठाया। वह इसे पंत के पास लेकर आए और उनकी मां का नंबर मिलाया लेकिन फोन स्विच ऑफ था। सुशील कुमार बोले, मैं इंसानियत के नाते उनकी मदद के लिए दौड़ा। जब मां का फोन नहीं मिला तो सुशील कुमार ने ऐंबुलेंस और पुलिस को कॉल किया।
तब तक सुशील कुमार नहीं जानते थे कि वह स्टार क्रिकेटर ऋषभ पंत हैं। वह बोले, मैं उस शख्स को इस हाल में अकेले नहीं छोडऩा चाहता था। मैंने कार के अंदर देखने की कोशिश की जहां कोई और नहीं था। उनके सिर और पैर से काफी खून बह रहा था।
इसी दौरान बस में सवार एक यात्री उतरकर आया और कहा कि ये तो क्रिकेटर ऋषभ पंत है। सुशील कुमार बोले, मैं मुश्किल से ही कोई मैच देखता हूं। मुझे नहीं पता कि इंडिया के लिए कौन खेलता है। मैं सिर्फ सचिन और धोनी को जानता हूं। चाहे वह क्रिकेटर हो या करोड़पति मैं बस उसकी मदद करना चाहता था।
सुशील कुमार ने कहा, सिर्फ 10 से 15 मिनट में ऐंबुलेंस घटनास्थल पर आ गई। पुलिस ने मेरा नंबर लिया और क्रिकेटर को ऐंबुलेंस में लेकर अस्पताल गए। सुशील कुमार ने बताया सडक़ पर कुछ पैसा भी पड़ा हुआ था। उन्होंने कहा, मैंने उसे इक_ा किया और पंत की जेब में रख दिया। मैंने कहा कि ठीक हो जाओगे, ध्यान रखना।
ऋषभ पंत को पहले सक्षम अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से उन्हें मैक्स देहरादून शिफ्ट किया गया। बीसीसीआई के अनुसार, पंत के माथे पर दो कट हैं, दायें घुटने पर लिगामेंट टियर, दाहिने हाथ की कलाई, एड़ी, टखने और पीठ में चोट आई। सुशील कुमार बोले, मैं भगवान का शुक्रगुजार हूं कि मैं किसी की जान बचा सका। जल्द ही क्रिकेटर स्वस्थ हो जाएं और भारत के लिए फिर से खेलें।