रियाद. २९ अक्टूबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को रियाद में सऊदी अरब के किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद से मुलाकात की। दोनों के बीच भारत-सऊदी के द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा हुई। सऊदी किंग ने दोनों देशों के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। विदेश मंत्रालय में वित्तीय मामलों के सचिव टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच तेल और गैस, मैरीटाइम सिक्योरिटी और तकनीक पर बात की। किंग ने मोदी के सम्मान में बैंक्वेट लंच की भी मेजाबनी की। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा कि यह मुलाकात दोनों देशों की सदियों पुरानी दोस्ती दर्शाती है।
मोदी ने जॉर्डन के किंग से भी मुलाकात की
इससे पहले मोदी ने रियाद में जॉर्डन के किंग शाह अब्दुल ढ्ढढ्ढ से व्यापार और निवेश के मुद्दे पर चर्चा की। मोदी ने यूएन के मंच से आतंकवाद के खिलाफ बोलने के लिए किंग शाह अब्दुल की तारीफ की। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, मोदी इसके बाद सऊदी के 3 मंत्रियों के साथ वार्ता में शामिल हुए। यहां उनकी व्यापार और निवेश के साथ, ऊर्जा, पेट्रोल भंडारण, कौशल विकास और जल मामलों में सहयोग जैसे मामलों पर बात हुई। सऊदी किंग के न्यौते पर मोदी सोमवार रात ही रियाद पहुंचे। वे यहां फ्यूचर इंवेस्टमेंट इनीशिएटिव फोरम (एफआईआई) के तीसरे सत्र में हिस्सा लेंगे।
‘भारत के लिए सऊदी अरब कच्चे तेल का दूसरा सबसे ब?ा स्रोत’
मोदी ने अरब न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा, “भारत सऊदी अरब से अपनी जरूरत का 18त्न कच्चा तेल आयात करता है। इस प्रकार, सऊदी भारत के लिए कच्चे तेल का दूसरा सबसे ब?ा स्रोत है। दोनों देश एक करीबी रणनीतिक साझेदारी की ओर बढ़ रहे हैं जिसमें तेल और गैस परियोजनाओं में निवेश शामिल है। हम अपनी ऊर्जा जरूरतों के महत्वपूर्ण और विश्वसनीय स्रोत के रूप में सऊदी अरब की भूमिका को अधिक महत्व देते हैं। हमारा मानना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास के लिए, विशेष रूप से विकासशील देशों के लिए तेल की कीमतों का स्थिर रहना महत्वपूर्ण हैं।”
‘भारत पेट्रोलियम भंडार में अरामको की भागीदारी पाने को लेकर उत्सुक’
मोदी ने कहा, “सऊदी अरब की अरामको कंपनी भारत के पश्चिमी तट पर एक बड़ी रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल परियोजना में भाग ले रही है। हम भारत के पेट्रोलियम भंडार में अरामको की भागीदारी पाने को लेकर उत्सुक हैं। जी-20 देशों में भारत और सऊदी अरब असमानता को कम करने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि सऊदी अरब अगले साल जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा और भारत 2022 में स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर इसकी मेजबानी करेगा। मेरा मानना है कि एशियाई ताकत जैसे भारत और सऊदी अरब अपने पडोसी से एक समान सुरक्षा चिंता से पीडीत है। इस संदर्भ में, मुझे खुशी है कि दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग विशेषकर आतंकवाद रोधी, सुरक्षा और रणनीतिक मुद्दों के क्षेत्र में प्रगतिशील है।”