#अटल जी के विचारों को लेकर बढ़ रहे हैं काले, ईश्वर इन्हें और शक्ति दें – सरयू राय
#अटल जी हमारे प्रेरणास्रोत – काले
Jamshedpur,25 Dec.आज अटल विचार वाहिनी के तत्वावधान में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की 98वीं जयंती मनाई गई। वाहिनी के संस्थापक अमरप्रीत सिंह काले के नेतृत्व में साकची स्थित कार्यालय में यह कार्यक्रम वरिष्ठ जनों को समर्पित रहा । इस अवसर पर मुख्य अतिथि जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय उपस्थित हुए। कार्यक्रम में जनसंघ काल से जुड़े एवं वाजपेयी के विचारों के साथ प्रतिबद्ध अभिभावकों एवं मातृ शक्ति काफी संख्या में उपस्थित हुईं। इनमें जय नारायण सिंह, हरेंद्र जी, मधुलिका मेहता,रविन्द्र प्रताप सिंह, नागेश प्रसाद, राजपति देवी, लता सिन्हा,नरेंद्र कुमार ,भाजपा के वरिष्ट नेता शैलेन्द्र सिंह, कविता परमार, प्रमिला शर्मा, लालदेव राउत,महेंद्र महतो, सी. पी. सिंह, रमाशंकर शर्मा, उमा सिंह, चिंतामणि पांडे, राधेश्याम पांडे, बी. नटराजन, कैलाश झा, रामकेवल मिश्रा, जसवंत सिंह भौमा,संतलाल पाठक, मंजू सिंह,वरुण जी सहित काफी संख्या में वरिष्ठजनों ने अपनी विशिष्ट उपस्थिति दर्ज करायीl
मुख्य अतिथि सरयू राय ने कहा अटल जी महामना मदन मोहन मालवीय की प्रतिमूर्ति थे और आज महामना की भी जयंती है । उनके बताये हुए रास्ते पर अटल जी आगे बढ़े, अटल जी 1947 में संघ के स्वयसेवक बने,अटल पहले ऐसे राजनयिक थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में अपना भाषण किया, पड़ोसी देशों के साथ सम्बंध बेहतर हो इसके लिए उन्होंने हर संभव प्रयास किया ।उन्होंने समरसता ,समता और सर्वस्पर्शता का पाठ पढ़ाया। वे समतामूलक समाज के जबरदस्त पैरवीकार थे, राष्ट्रभक्ति का परम भाव उनके ह्रदय में सदैव विद्यमान रहा, अटल जी के विचारों को आत्मसात कर, उन्हें खुद में महसूस कर देश हित में कार्य करने की आज के राजनेताओं को आवश्यकता है,
संस्थापक श्री काले ने कहा मेरे सामाजिक जीवन की प्रेरणास्रोत थे अटल बिहारी वाजपेयी। मैंने अगर सार्वजनिक जीवन में आने का फैसला किया तो उसकी मुख्य वजह थे अटल जी । मैं उनके विचारों से, उनके आदर्शों से, उनके व्यक्तित्व से इतना प्रभावित हुआ कि उसे शब्दों में बयान नहीं कर सकता, मतभेद और मनभेद के बीच का अन्तर को परिभाषित करती उनकी विशिष्ट शैली का पूरा भारतीय राजनीति जगत प्रशंसक रहा है। प्रत्येक दल में उनके चाहने वाले रहें हैं और आज भी हैं उनको राजनीति का संत कहा जाता है, उनके लिए देश पहले था दल नहीं यही वजह थी कि वे दल के साथ दिल की भी बात करते थे, आज की वर्तमान परिस्थिति में उनके जैसे राजनीतिज्ञ की कमी खलती है, सही मायने में अटल, अटल थे अपने विचारों में, अपने शब्दों में और अपने कार्यों में इस अवसर पर अटल जी को अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए जय नारायण सिंह ने कहा – अटल जी को याद करना उनको अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित करना खुद ही सम्मान की बात है, अटल जी अपने नाम के अनुरूप ही अटल व्यक्तिव के स्वामी थे.
वाजपेयी जी को याद करते हुए रविंद्रप्रताप सिंह ने कहा कि – आज की परिस्थिति में अटल जी के विचार को आत्मसात करने की आवश्यकता है l
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए भाजपा नेता शैलेन्द्र सिंह ने कहा – अटल जी के महान व्यक्तित्व को नमन है आज की परिस्थिति में उनके विचार उनकी सोच की प्रासंगिकता कहीं ज्यादा है l
कार्यक्रम के दौरान जनसंघ काल के अनेक वरीय कार्यकर्ताओं को शाल एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गयाl
सम्मानित होने वालों में श्रीमती राजपति देवी, मनोरंजन ओझा, जय प्रकाश सिंह, कविता परमार, एस के मिश्रा, घनश्याम शर्मा, गजेंद्र सिंह, बी नटराजन,वरुण जी, भारद्वाज पंडित जी, के के शुक्ला जी, कैलाश झा, रामकेवल मिश्र, राम नरेश मिश्र, शिव नरेश शुक्ला, रामाश्रय अवस्थी, संतलाल पाठक, राधेश्याम पांडे, चिंतामणि पांडे, जसवंत सिंह भोमा, त्रिलोचन सिंह, नवल किशोर पाठक, इंद्र कुमार शर्मा, प्रमिला शर्मा, डॉ अजय किशोर चौबे, राजकुमार मिश्रा, देव मुनि तिवारी, ओम प्रकाश पाठक, दूधनाथ शर्मा, परमहंस चौबे, चंद्र भूषण दुबे, लालदेव रावत, ठाकुर प्रसाद, वीरेंद्र मिश्रा, सुरेंद्र प्रसाद साह, नरेंद्र कुमार, कृष्णकांत तिवारी, अमरेंद्र जी, के के तिवारी, रामराज तिवारी, रामराज तिवारी, विनोद सिंह, नागेश्वर प्रसाद यादव, नरेंद्र कुमार , महेंद्र महतो, चंदेश्वरी प्रसाद सिंह , रामा शंकर शर्मा, उमा सिंह, चिंतामणि पांडे, राधेश्याम पांडे, भावेश, नागु शर्मा मुख्य रूप से उपस्थित हुए l
कार्यक्रम में मंच का संचालन डी. डी. त्रिपाठी व धन्यवाद ज्ञापन बृजभूषण सिंह ने किया