वरिष्ठ नागरिकों को नहीं मिलने जा रही रियायत,रेल मंत्री ने गिना दी यह बड़ी दिक्कतें

फिलहाल वरिष्ठ नागरिकों को रियायत नहीं मिलने जा रही है.रेलवे में वरिष्ठ लोगों के लिए पहले किराए में छूट का प्रावधान था। हालांकि कोविड-19 महामारी के बाद इसे खत्म कर दिया गया। फिलहाल लगातार इसकी मांग की जा रही है। हालांकि संसद में आज खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने रेलवे के खर्चे को गिनाते हुए साफ तौर पर कह दिया कि वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली छूट को अभी बहाल नहीं किया जा सकता है। उन्होंने इसका कारण भी बताया। रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे पर पेंशन वेतन संबंधी भार बहुत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि यात्री सेवाओं के लिए 59000 करोड रुपए की सब्सिडी पिछले साल दी गई थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्टर के पेंशन और वेतन बिल भी बहुत ज्यादा है। 
रेल मंत्री से यह सवाल महाराष्ट्र से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने किया था। नवनीत राणा का सवाल था कि आखिर वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली रियायत कब से मिलेगी? कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद इस से खत्म कर दिया गया था। मार्च 2020 से पहले वरिष्ठ नागरिकों के मामले में महिलाओं को किराए पर 50 फ़ीसदी और पुरुषों को सभी क्लास में रेल सफर करने के लिए 40 फ़ीसदी छूट देता था। महिलाओं के लिए इसके न्यूनतम आयु सीमा 58 वर्ष थी जबकि पुरुषों के लिए 60 वर्ष थी। हालांकि, पिछले दिनों खबर आई थी कि रेलवे इसको लेकर अलग तरह से विचार कर रहा है। लेकिन फिलहाल रेल मंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली छूट को बहाल करने में असमर्थता जता दी है। 
अपने बयान में रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे ने यात्री सेवाओं के मद में 59 हजार करोड़ रूपये की सब्सिडी प्रदान की है जो काफी बड़ी राशि है एवं कुछ राज्यों के वार्षिक बजट से ज्यादा है। उन्होंने यह भी कहा कि पेंशन के मद में रेलवे द्वारा जारी राशि 60 हजार करोड़ रूपये और वेतन के मद में जारी होने वाली राशि 97 हजार करोड़ रूपये है। इसके अलावा ईंधन पर 40 हजार करोड़ रूपये खर्च होता है। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अगर कोई नया फैसला करना है तब हम करेंगे। लेकिन अभी की स्थिति में सभी को रेलवे की स्थिति को देखना चाहिए।

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