केंद्र सरकार की ओर से जी20 शिखर सम्मेलन को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G20 समिट को व्यापक रूप से सफल बनाने के लिये सभी दलों का सहयोग मांगा.
जी20 से जुड़े साल भर आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों के बारे में सर्वदलीय बैठक में उपस्थित नेताओं को सरकार ने जानकारी दी.
राष्ट्रपति भवन में जी20 शिखर सम्मेलन को लेकर बैठक सुझाव मांगने और रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी. तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने बैठक में कहा कि जी 20 की अध्यक्षता किसी एक दल का एजेंडा नहीं है, बल्कि पूरे देश का विषय है.
G20 दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर- सरकारी मंच है. इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि यह ऐसा आयोजन है, जिस पर पूरे देश को गर्व होना चाहिए और इसे सफल बनाने के लिये सभी को योगदान करना चाहिए. यही बात प्रधानमंत्री मोदी ने बीजेपी के पदाधिकारियों की बैठक में भी कही थी .
भारत ने एक दिसंबर को आधिकारिक रूप से G20 की अध्यक्षता ग्रहण की है. इस साल दिसंबर से देश के विभिन्न स्थानों पर 200 से अधिक तैयारी बैठकों की मेजबानी किए जाने की उम्मीद है.
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी की ओर से करीब 40 दलों के अध्यक्षों को बैठक में आमंत्रित किया गया था.
अगले साल 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में जी 20 नेताओं का शिखर सम्मेलन होना है. इससे पहले देश के विभिन्न हिस्सों में जी 20 की कई बैठकें आयोजित की जाएगी.
बैठक मे बीजेपी पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी राजा, तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू समेत अन्य नेता उपस्थित थे.
बैठक में तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) प्रमुख के चंद्रशेखर राव और जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष ललन सिंह ने हिस्सा नहीं लिया. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की ओर से किसी ने भी बैठक में हिस्सा नहीं लिया