चांडिल : झारखंड आंदोलनकारी सह झामुमो नेता सुनील कुमार महतो व सरायकेला खरसावां जिला परिषद उपाध्यक्ष श्रीमती मधुश्री महतो ने चांडिल डैम नौका विहार में बैनर पोस्टर विवाद के विषय में प्रेसवार्ता मे कहा कि अलग झारखंड राज्य आंदोलन के प्रमुख नेता निर्मल महतो के साथ 1982 से अलग झारखंड राज्य कि आंदोलन में हमेशा अहम भूमिका निभाई है। सुनील महतो ने कहा कि 1985 के विधानसभा चुनाव में गरीबी रेखा के ऋण से निर्मल महतो को ईचागढ़ से विधानसभा चुनाव लड़ाने का काम किया था। इस परिवार में रहकर झारखंड मुक्ति मोर्चा का विस्तार किया। अलग राज्य आंदोलन में बहुत केस मुकदमा दर्ज हुआ था और अभी भी झारखंड मुक्ति मोर्चा के बैनर तले सड़क से सदन तक आंदोलन जारी है । सुनील महतो ने कहा कि आरोप लगाने वाले अपने गिरेबान में झांक कर देखें कि वे लोग कितनी ईमानदारी से पार्टी का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 21 अक्तूबर 2018 में झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू के समक्ष पार्टी का सदस्यता ग्रहण किया जिसका गवाह तिरुलडीह के शहीद माटी के साथ ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के हजारों कार्यकर्ता है और आंदोलनकारी का प्रमाण पत्र मैं नहीं छपवाया है झारखंड सराकर ने दिया है। उन्होंने कहा कि मानसिक दिवालिया हो चुके लोगों द्वारा मेरा खिलाफ बेबुनियाद बयान दिया जा रहा हैं। वे लोग अगले विधान सभा चुनाव में विधायक बनने का “मुंगेरीलाल के हसीन सपने” देख रहे हैं। जिप उपाध्यक्ष सह झामुमो नेत्री श्रीमती मधुश्री महतो ने कहा कि मैं झारखंड आंदोलनकारी परिवार का बहु हूं और हमेशा झारखंड मुक्ति मोर्चा के सदस्य बनकर पार्टी हित में काम कर रही हूं और आगे भी करती रहूंगी। उन्होंने कहा कि सरायकेला खरसावां जिला में तीन विधानसभा क्षेत्र आता है और सोहराय, बांदना, दीपावली, छठ पूजा के शुभकामना संदेश के बैनरमें तीनों विधायक का फोटो व नाम विशेष परिस्थिति में नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि मेरी लोकप्रियता से विरोधियों का नींद नहीं आ रही है इसलिए मेरा खिलाफ गलत बयान दिया जा रहा है।