जमशेदपुर, 28 अक्टूबर :
सूर्य मंदिर परिसर को दखल में लेकर उसके संचालन की जिला प्रशासन की व्यवस्था और परिकल्पना आज देर शाम उस समय तार तार हो गई जब परिसर में अनधिकृत रुप से घुसे दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हुई और यह झड़प शहर के दो मानिंदों और माननीय प्रतिनिधियों के समर्थकों के बीच हुई जिसमें भाजपा और रघुवर दास खेमा के लोगों ने भाजमो और सरयू राय खेमा के लोगों की बुरी तरह पिटाई की। प्रशासन जब इसे अपनी दखल में ले चुका था तो फिर बिना अनुमति के परिसर में छठ व्रत को लेकर अपनी अपनी तैयारियां इन गुटों के लोग कैसे कर रहे थे, इसका जवाब प्रशासन नहीं दे रहा है। भाजमो के नेता राम नारायण शर्मा ने सिदगोड़ा थाना में संवाददाताओं से कहा कि रघुवर दास चंद्रगुप्त सिंह के इशारे पर उनके लोगों ने भाजमो के जिला अध्यक्ष व अन्य कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमला किया। इस हमले में भाजमो के जिला अध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव खून से लथपथ थे जबकि उनके साथ हरेराम सिंह, जमशेदपुर पूर्वी विधान सभा के संयोजक अजय सिन्हा को भी चोट लगी है। उल्लेखनीय है कि आज ही जेएनएसी कार्यालय में एसडीओ की अध्यक्षता में सूर्य मंदिर संचालन समिति की बैठक हुई थी।बैठक के कुछ ही घंटों बाद यह हंगामा हुआ।
छठ के अवसर पर इस तरह किसी विवादको पैदा करना और इसे बढने का मौका देना प्रशासन की बहुत बड़ी चूक मानी जा रही है। पता चला है कि रघुवर दास समर्थक सूर्य मंदिर समिति द्वारा मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रम की तैयारी की जा रही थी ।
।इसी बीच रघुवर विरोधी सरयू राय खेमा द्वारा वहां सूप वितरण के लिये दो कैनोपी लगानेकी तैयारी की जा रहीथी। प्रशासन द्वारा क्या इन प्रदर्शनों की अनुमति दी गई थी? अनुमति देने या न देने दोनो स्थिति में प्रशासन का दामन दागदार दिख रहा है। जब पूरा परिसर प्रशासन के कब्जे में है तो वहां इस तरह खुलेआम हंगामा और गुंडा गर्दी होना विधि व्यवस्था को तार तार करना ही होता है। अब आस्था की बात लेकर राजनीति गरम होगी क्योंकि सास्कृतिक कार्यक्रम पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। यह बात अलग है कि ऐसे कार्यक्रम आस्था के लिये होते हैं या दिखावा जग जाहिर है। सूर्य मंदिर मे ंछठ की पवित्रता और तैयारियों पर राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई भारी पड़ गई और प्रशासन द्वारा आधे अधूरे मन से झगड़े को खत्म करने का नजरिया उजागर हो गया।