सीएम हेमंत सोरेन व झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन सोहराय व बांदना पर्व मनाने पहुंचे चांडिल के धातकीडीह गांव

मुख्यमंत्री ने झारखंडी प्राचीन परंपरा को बहाल रखते हुए सोहराय व बांदना पर्व में बजाया मादल

चांडिल : सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने ननिहाल चांडिल प्रखंड के धातकीडीह गांव में झारखंड के प्राचीन सोहराय व बांदना पर्व मनाया। अति व्यस्त कार्यक्रम रहने के बाद भी मुख्यमंत्री हर साल सोहराय व बांदना पर्व मनाने मामा घर आते हैं। इस साल भी झामुमो सुप्रीमो सह राज्यसभा के सांसद शिबू सोरेन व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पहुंचे धातकीडीह गांव पहुंचे। साथ में सीएम की मां रूपी सोरेन, पत्नी कल्पना सोरेन व दुमका विधायक बसंत सोरेन की पत्नी मालती सोरेन और बच्चे भी धातकीडीह पहुंचे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन, रूपी सोरेन, कल्पना सोरेन व मालती सोरेन के धातकीडीह के माटी पर पहुंचने के बाद संताल समाज के परंपरा अनुसार रिश्तेदार व ग्रामीणों ने पांव धुलाकर स्वागत किया व जोहार शब्द से अभिवादन किया गया। मुख्यमंत्री सपरिवार मामा घर में झारखंडी पीठा व लजीज व्यंजन का लुफ्त उठाया। पारंपरिक सोहराय व बांदना पर्व में झारखंड प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मादल बजाकर गोरू खुंटान किया। मादल, ढोल, नगाड़े आदि के धून पर बैल व भैंसा को नचाया गया और उपस्थित ग्रामीण झूम उठे। इस दौरान अन्नदाता मवेशियों को रंग विरेंगे आर्कषक रंगो से सजाया गया। इसके पूर्व महिलाओं द्वारा बैल व भैंसा का चूमान कर आरती उतारी गई।

पारंपरिक प्राचीन इतिहास को जीवित रखना जरूरी है : कल्पना सोरेन

सोहराय व बांदना पर्व के अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पत्नी कल्पना सोरेन ने कहा कि यह पर्व त्यौहार भारत के प्राचीन ऐतिहासिक परंपरा है। यह पर्व हमारे अन्नदाता मवेशियों की पूजा अर्चना का त्यौहार है। इस पर्व त्यौहार के माध्यम से हम सभी परिवार के सदस्य एक दूसरे से मिलते हैं जो काफी आनंद का क्षण है। इस अवसर पर ईचागढ़ के विधायक सविता महतो, जुगसलाई के विधायक मंगल कालिंदी, सीएम के मामा चारुचांद किस्कू व गुरूचरण किस्कू, सुखराम हेंब्रम, डा0 जीपी रजवार, श्यामल मार्डी, दिलीप किस्कू, धरम किस्कू, राजु किस्कू, पप्पु वर्मा, बुद्धेश्वर मार्डी, बलदेव भुईयां, मुखिया मनोहर सिंह सरदार आदि उपस्थित थे।

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