कांग्रेस अध्यक्ष पद की कुर्सी मल्लिकार्जुन खड़गे ने संभाली

मल्लिकार्जुन खड़गे ने औपचारिक रूप से कांग्रेस अध्यक्ष पद की कुर्सी संभाल ली हैं। अनौपचारिक आधिकारिक उम्मीदवार के रूप में देखे जाने वाले गांधी परिवार के वफादार मानें जाने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस प्रतिनिधियों द्वारा डाले गए 90 प्रतिशत मतों से जीत हासिल की। उन्हें 7,897 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर को 1,072 वोट मिले। अब भैयादूद के दिन से मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के नये अध्यक्ष होंगे। इस अवसर पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि खड़गे से पूरी पार्टी को प्रेरणा मिलेगी और उनके नेतृत्व में कांग्रेस लगातार मजबूत होगी।
कांग्रेस पार्टी ने नए अध्यक्ष की ताजपोशी के लिए ‘पार्टी रीलॉन्च’ जैसा इवेंट आयोजित किया था। प्रदेश के मुख्यमंत्रियों, दिग्गज नेताओं के अलावा दक्षिण में भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे राहुल गांधी भी दिल्ली पहुंचे। जबकि चुनाव के समय मतदान उन्होंने वहीं कैंप में दिया था। शायद राहुल गांधी नए कांग्रेस चीफ के पद संभालने को पूरी तवज्जो देना चाहते थे। इस मौके पर सोनिया गांधी ने कहा, ‘मैं बहुत प्रसन्न हूं। सबसे अधिक संतोष इस बात का है कि आपने (नेता) अपने-अपने विवेक से जिन्हें (खरगे) अध्यक्ष चुना है, वह एक अनुभवी नेता हैं, धरती से जुड़े हुए नेता हैं, अपनी मेहनत और समर्पण से एक साधारण कार्यकर्ता से इस ऊंचाई तक पहुंचे हैं।’
सोनिया गांधी ने आगे कहा आज कांग्रेस के सामने कई चुनौतियां हैं, सबसे बड़ी चुनौती यह है कि लोकतांत्रिक मूल्यों के सामने जो संकट पैदा हुआ है, उसका हम सफलतापूर्व मुकाबला करें। सोनिया गांधी ने कहा, कांग्रेस के सामने पहले भी बड़े-बड़े संकट आए हैं, लेकिन पार्टी ने कभी हार नहीं मानी है, सभी को मिलकर आगे बढ़ना है। कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में अपनी क्षमता के अनुसार अपना कर्तव्य निभाया; इस जिम्मेदारी से मुक्त होने पर राहत महसूस कर रही हूं। सबसे बड़ा संतोष यह है कि कांग्रेस के नए अध्यक्ष बहुत अनुभवी हैं, एक सामान्य कार्यकर्ता से इतनी ऊंचाई तक पहुंचे हैं।
ध्यक्ष बनने के बाद अपने पहले भाषण में खड़गे ने पार्टी में 50 फीसदी पद 50 साल से कम उम्र के लोगों को देने का ऐलान किया। खड़गे ने कहा- उदयपुर अधिवेशन में इसको लेकर प्रस्ताव पास किया गया था। अब उस पर अमल किया जाएगा।
खड़गे ने पार्टी में आधे पदों पर युवाओं को लाने की बात कही है, लेकिन मौजूदा हालात को देखें, तो कांग्रेस अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और महासचिवों में से केवल प्रियंका गांधी की उम्र ही 50 साल है। बाकी सारे नेता इससे ज्यादा उम्र के हैं।

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