शहीद परिवार के गृह प्रवेश में आंदोलनकारियों को किया सम्मानित
Chandil : 21 oct 1982 को तिरुलडीह गोलीकांड के शहीद अजीत महतो व धनंजय महतो के शहादत दिवस पर आजसू केंद्रीय सचिव हरेलाल महतो के नेतृत्व में आजसू नेताओं व कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की. हरेलाल महतो के साथ आजसू कार्यकर्ताओं ने शहीद अजीत महतो के पैतृक गांव चांडिल प्रखंड के कुरली स्थित प्रतिमाओं पर श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा चौका मोड़, चोगा स्कूल, चोगा – आदरडीह, तिरुलडीह मोड़, तिरुलडीह शहादत स्थल के शहीद बेदी, कुकडू प्रखंड कार्यालय के समक्ष, सिरुम मोड़ आदि जगहों पर श्रद्धांजलि दी गई।
शहीद धनंजय महतो की पत्नी व बेटे को हरेलाल महतो ने पक्का मकान देकर सम्मानित किया
40 वें शहादत दिवस पर ईचागढ़ के चोगा – आदरडीह में शहीद धनंजय महतो की पत्नी बारी देवी व पुत्र उपेन महतो को आजसू केंद्रीय सचिव हरेलाल महतो ने पक्का आवास दिया। शहीद परिवार से मुलाकात के दौरान हरेलाल महतो ने निजी खर्च से पक्का मकान बनवाने का वादा किया था. उसी वादे के अनुसार मकान निर्माण कराया और शहीद परिवार को आज सौंप दिया। शहादत दिवस पर शहीद धनंजय महतो के आश्रित परिवार का गृह प्रवेश कराया।
आंदोलनकारियों को किया सम्मानित
गृह प्रवेश के अवसर पर धनंजय महतो की पत्नी बारी देवी तथा पुत्र उपेन महतो समेत 21 आंदोलनकारियों को हरेलाल महतो ने शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इनमें बीरेंद्र नाथ महतो, सुसेन महतो, मोहनलाल महतो, शक्तिपद महतो, शिवेश्वर महतो, मनोरंजन महतो, विभूति भूषण महतो, काशीनाथ सिंह मुंडा, निताई महतो, कार्तिक सिंह मुंडा, कमलाकांत महतो, उमाकांत महतो, शांतिराम महतो, योगेंद्र नाथ महतो, सुफल महतो, बृहस्पति महतो, गुरुचरण महतो, बुधु सिंह मुंडा, शिवराम महतो, परेश महतो, चंदन महतो, रिझू महतो आदि को सम्मानित किया गया।
आंदोलनकारियों ने अपने वक्तव्य में कहा कि पहली बार क्षेत्र में एक सच्चा समाजसेवी हरेलाल महतो के रूप में देखने को मिला है जिसने शहीद परिवार के साथ साथ आंदोलनकारियों को सम्मानित किया। इसके पहले कई सरकार और जनप्रतिनिधियों ने नौकरी देने, पेंशन देने के नाम पर शहीदों का नाम लेकर राजनीति की, लेकिन किसी ने सम्मान नहीं दिया।
धनंजय महतो की पत्नी बारी देवी ने कहा कि उनके पति के शहादत को 40 साल हो गए, लेकिन किसी भी सरकार, मंत्री, सांसद, स्थानीय विधायक ने कोई सहायता नहीं की। एक बार तत्कालीन मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ने गांव – गांव में नौकरी देने
की बात कही थी, लेकिन नौकरी नहीं दी। पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की ने भी नौकरी देने की घोषणा की थी तो उस समय पूर्व उपमुख्यमंत्री स्वर्गीय सुधीर महतो ने मामले को लटका दिया। वर्तमान विधायक सविता महतो ने आजतक उनके परिवार की सुधि नहीं ली। बारी देवी ने कहा कि हरेलाल महतो ने परिवार को पक्का मकान बनवाया। बीते 40 साल से दो कमरे के मिट्टी के घर में रहने को मजबूर थे। सरकार या स्थानीय विधायक ने एक प्रधानमंत्री आवास भी देने का प्रयास नहीं किया, न पेंशन योजना का लाभ दिलाने की पहल की।
इस अवसर पर आजसू केंद्रीय सचिव सत्यनारायण महतो, प्रोफेसर रविशंकर मौर्या, जिलाध्यक्ष सचिन महतो, गुरुपद सोरेन, प्रवीण महतो, गोपेश महतो, माधव सिंह मुंडा, अरुण महतो, तुलसी महतो, भगत सिंह मुंडा, शिवेश्वर महतो, बासुदेव प्रमाणिक, बिरेन महतो आदि मौजूद थे।