हाईकोर्ट का कांग्रेस से निलंबित विधायकों के खिलाफ जांच पर रोक से इंकार, झारखंड और बंगाल सरकार से शपथ पत्र दायर करने को कहा

,एक दिसंबर को अगली सुनवाई

Ranchi: कोलकाता में 46 लाख के साथ पकड़े गए कांग्रेस से निलंबित तीन विधायकों इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी की ओर से रांची में किए गए जीरो एफआईआर को कोलकाता ट्रांसफर के खिलाफ दाखिल याचिका की सुनवाई शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट में हुई. मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एसके द्विवेदी की कोर्ट में हुई. सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने झारखंड और बंगाल सरकार से इस मामले में शपथ पत्र दायर करने को कहा है वहीं कोलकाता पुलिस को मामले की जांच को जारी रखने का निर्देश दिया है लेकिन कोर्ट ने चार्जशीट दायर करने पर रोक लगाई है. हाईकोर्ट ने इन तीनों विधायकों के खिलाफ जांच में किसी प्रकार के रोक लगाने से इंकार किया है. इन 3 विधायकों के खिलाफ रांची के अरगोड़ा थाने में अनूप सिंह की ओर से जीरो एफआईआर हुआ था, जिसे कोलकाता ट्रांसफर कर दिया गया था. विधायकों ने इसे कोलकाता भेजे जाने को निरस्त करने मांग की है. प्रार्थी विधायकों का कहना है कि झारखंड में जांच होनी चाहिए, कोलकाता में इसकी जांच नहीं होनी चाहिए.
बता दें कि झारखंड के तीन विधायकों के खिलाफ कांग्रेस विधायक अनूप सिंह की ओर से जीरो एफआईआर दर्ज किया गया है, जिसमें अनूप सिंह ने सरकार गिराने की साजिश में इन विधायकों के शामिल होने का आरोप लगाया है. यह भी बता दे कि इन तीन विधायकों के बेल पर सुनवाई करते हुए कोलकाता हाईकोर्ट ने पुलिस को 10 नवंबर को जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है. उक्त तीनों विधायकों को 46 लाख कैश के साथ 30 जुलाई को पश्चिम बंगाल के हावड़ा में कोलकाता पुलिस ने पकड़ा था. कोलकाता हाई कोर्ट ने उन्हें तीन महीने की सशर्त जमानत दी है. कलकत्ता हाइकोर्ट ने कहा है कि इन तीनों को अपने पासपोर्ट जमा करने होंगे. साथ ही इन तीनों को 3 महीने तक कोलकाता में ही रहना होगा.

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