कभी जदयू के उपाध्यक्ष रहे प्रशांत किशोर इन दिनों नीतीश कुमार पर जबरदस्त तरीके से हमलावर हैं। पिछले दिनों प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि नीतीश कुमार ने हाल में ही उन्हें फिर से साथ काम करने का प्रस्ताव दिया था। अब इसी को लेकर नीतीश कुमार ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। नीतीश कुमार ने साफ तौर पर कहा है कि यह दावा पूरी तरीके से निराधार है। उन्होंने कहा कि मैंने कोई ऑफर नहीं दिया है। उनको जो मन में आता है, वह बोलते रहते हैं। अब उन पर मैं रोजाना क्या बोलूं? इतना ही नहीं, नीतीश कुमार ने आगे कहा कि वह मेरे साथ रहते थे, मेरे घर पर रहते थे। अब हम उनको क्या बोले। अब जिसको जहां जाना है, वह तो जाएगा ही। इसके साथ ही नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर पर बड़ा आरोप लगाया।
नीतीश कुमार ने साफ तौर पर कहा कि प्रशांत किशोर जदयू का विधायक कांग्रेस में कराना चाहते थे। उस वक्त हमने कहा था कि हम भला कांग्रेस में अपना विलय क्यों करें, यह अभी से लगभग चार-पांच साल पहले की बात है। यही कारण है कि उनका कोई ठिकाना नहीं है। आजकल जहां गए हैं, वह बीजेपी के हिसाब से काम कर रहे हैं। इसके साथ ही नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि मैंने उनको नहीं बुलाया था। वह खुद ही मिलने आए थे और क्या क्या बात हुई थी हमारे बीच, इस पर हम कुछ नहीं बोलेंगे। उन को जो बोलना है, बोलने दीजिए। उनको राजनीति से क्या मतलब है, इसलिए उनको बोलने दीजिए। नीतीश कुमार ने यह बात साफ कर दी है कि प्रशांत किशोर बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं।
इससे पहले प्रशांत किशोर ने बड़ा दावा करते हुए कहा था कि नीतीश कुमार ने उन्हें अपने घर बुलाया था। इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि उन्होंने उनसे कहा था कि आप हमारे उत्तराधिकारी हैं। यह सब क्यों कर रहे हैं। आप हमारे साथ फिर से आ जाइए। हमारे पार्टी के नेता बन जाइए। उन्होंने कहा था कि 2014 में (लोकसभा) चुनाव हारने के बाद दिल्ली आकर उन्होंने कहा था कि हमारी मदद कीजिए। महागठबंधन बनाकर (2015 बिहार विधानसभा चुनाव) में हमलोगों ने उनको जिताने में कंधा लगाया, अब बैठकर (मुख्यमंत्री बनकर) हमें ज्ञान दे रहे हैं। अभी 10-15 दिन पहले बुलाकर बोले कि हमारी पार्टी का नेतृत्व कीजिए, हमने कहा कि अब यह नहीं हो सकता है।