माता दुर्गा जी दुनिया की महामाया महाशक्ति है : वैद्यनाथ महतो
चांडिल : नवरात्रि महोत्सव के पावन दिन महाष्टमी को चांडिल अनुमंडल के चांडिल बाजार, स्टेशन, चौका, ईचागढ़, रघुनाथपुर, चालियामा, झिमड़ी, तिरुलडीह, मिलन चौक आदि स्थानों में भक्तों ने शक्तिरूपेण माता दुर्गा जी का पूजा अर्चना कर शक्ति व शांति का प्रार्थना की। इस शुभ अवसर पर चांडिल अनुमंडल क्षेत्र माता दुर्गा के शक्ति मंत्र “या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता” के गुंजायमान से वातावरण भक्तिमय हो गया। मौके पर श्री श्री 108 सार्वजनीन दुर्गा पूजा समिति निमडीह अंचल रघुनाथपुर के अध्यक्ष ग्राम प्रधान वैद्यनाथ महतो ने कहा कि सनातन धर्म में पौराणिक कथा के अनुसार मासिक दुर्गा अष्टमी के दिन के लिए मान्यता है कि दुर्गम नाम के क्रूर राक्षस ने अपनी क्रूरता से तीनों लोक स्वर्ग, मर्त्य और पाताल को अत्याचार से त्राहिमाम मचा दिया था। उसके आतंक के कारण सभी देवता स्वर्ग छोड़कर कैलाश चले गए थे। दुर्गम राक्षस को वरदान था कि कोई भी देवता उसका वध नहीं कर सकता। सभी देवता ने भगवान शिव से विनती किया कि इस संकट से मुक्ति दिलाएं। वैद्यनाथ ने कहा कि इसके बाद सृष्टिकर्ता ब्रह्मा, पालनकर्ता विष्णु और संहारकर्ता शिव जी ने अपने शक्तियों को मिलाकर आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को देवी दुर्गा का जन्म दिया। इसके बाद माता दुर्गा को सबसे शक्तिशाली अस्त्र दिया गया। शक्तिरूपेण माता दुर्गा जी ने राक्षस दुर्गम के साथ युद्ध छेड़ दिया। जिसमें माता ने राक्षस का वध कर दिया और इसके बाद से दुर्गा अष्टमी की उत्पति हुई। इसलिए दुर्गा अष्टमी के दिन शस्त्र पूजा का भी विधान है और माता दुर्गा संसार की महामाया महाशक्ति है। इस अवसर पर सचिव राजु कुमार मिश्रा, कोषाधक्ष अवनी मोहन दास, वैद्यनाथ महतो उर्फ साटु महतो, सुरेंद्र नाथ महतो, चंद्रमोहन दास, सुदर्शन गोराई, देवप्रकाश सिंह सरदार, बनबिहारी महतो, सुकुमार दास, जगदीश महतो, केशव महतो, अमीर दास, सुकदेव महतो, विजय दास, संजय दास, सुरज दास, शिवराम महतो, राजीव प्रमाणिक, निताई दास विवेक माछुआ, रासबिहारी महतो, निशिकांत महतो आदि उपस्थित थे।