दुमका , पेट्रोल कांड की पीड़िता की बड़ी बहन ने विधायक बसंत सोरेन द्वारा दिया गया नियुक्ति पत्र को वापस कर दिया है। मंगलवार को पीड़िता की बहन अपने परिजनों के साथ उपायुक्त कार्यालय आई और नियुक्ति पत्र को वापस किया। इसके बाद उसने मीडिया से कहा कि सरकार ने उनलोगों के साथ भद्दा मजाक बना कर रख दिया है । विधायक ने एक ऐसी प्राईवेट कंपनी का नियुक्ति पत्र दिया जिसका कोई अस्तित्व नहीं है। वह भी कांट्रेक्ट आधारित । पीड़िता की बहन ने कहा कि वह ऐसी कंपनी में जाकर अपना जीवन बर्बाद नहीं करना चाहती है। गौरतलब है कि नियुक्ति पत्र देने की खबर को विधायक कार्यालय द्वारा जोर शोर से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अपनी उपलब्धि बताया जा रहा था। पर पीड़िता की बहन ने विधायक के प्रयासों पर पानी की दिया। यहां बताते चलें कि नियुक्ति पत्र देने कोई लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा और प्रशासनिक महकमा देकर कंपनी में योगदान देने का जवाब बना रहा था। गौरतलब है कि उपराजधानी में ही नहीं पूरे देश में चर्चित पेट्रोल कांड के बाद दुमका में राजनीति चरम पर पहुंच गया है। इस कार्य में जिला का प्रशासनिक महकमा भी पीछे नहीं हैं। दरअसल स्थानीय विधायक बसंत सोरेन घटना के कई दिन बाद दुमका पहुंच कर पीड़िता के परिजनों से मुलाकात कर सान्तवना दिया और बाद में नियुक्ति पत्र दिया। उस वक्त पीड़िता की बहन बिना पढ़े और बिना समझे नियुक्ति पत्र को ले लिया, पर जब वहां पढ़ी तो सन्न रह गई। इस तरह कह सकते हैं कि पेट्रोल कांड की पीड़िता के साथ सरकार कितना खड़ी है। इधर भाजपा नेत्री प्रिया दत्ता ने कहा कि सोरेन परिवार की कर्मभूमि में एक हिंदू परिवार के साथ यह मजाक नहीं तो फिर क्या है। अगर बसंत सोरेन को नौकरी ही देना है तो सरकारी नौकरी दें मजाक बनाना बंद करें।