प्रो राघव आलोक स्मृति सम्मान 2022 का आयोजन

सिंहभूम जिला भोजपुरी साहित्य परिषद् (गोलमूरी) के सभागार में आज प्रो राघव आलोक स्मृति सम्मान 2022 का आयोजन किया गया। सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में रायबरेली से पधारे राष्ट्रीय स्तर के प्रख्यात गजलकार /समीक्षक जय चक्रवर्ती एवं विशिष्ट अतिथि के रुप में आग एवं राग के कवि दिनेश्वर प्रसाद सिंह दिनेश, सुविख्यात कहानीकार जयनंदन एवं प्रसिद्घ समालोचक सुधीर सुमन मंच पर आसीन थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता अरविंद विद्रोही ने की। सम्मानित अतिथि के रुप में युवा कवि चन्द्रकान्त कार्यक्रम के केन्द्र बिन्दु थे। कार्यक्रम की शुरुआत में अतिथियों द्वारा देवी सरस्वती एवं प्रो राघव आलोक के चित्र पर पुष्प अर्पित किया गया।वीणा पाण्डेय भारती द्वारा सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी गई। आगत अतिथियों का स्वागत अनिरूद्ध त्रिपाठी अशेष ने किया। सम्मानित अतिथि चन्द्रकान्त के जीवन वृत को राजदेव सिन्हा ने रेखांकित किया,वहीं उनके साहित्यक पक्ष पर कृपाशंकर ने विस्तृत दृष्टि डाली। सम्मानित अतिथि चन्द्रकान्त के द्वारा प्रो राघव आलोक की कहानी ‘पहचानी रौशनी’का पाठ किया गया। विशिष्ट अतिथि सुधीर सुमन ने अपने वक्तव्य में प्रो राघव आलोक की कहानियों की चर्चा करते हुए उनकी बची हुई पांडुलिपियों को प्रकाशित करने पर जोर दिया,साथ ही राघव आलोक सम्मान के लिए चन्द्रकान्त के चयन को सही करार दिया। कथाकार जयनंदन ने अपने उद्बोधन में राघव आलोक के संपादकीय पक्ष का ज़िक्र किया साथ ही उनकी सांगठनीक विशेषता को निरूपित किया। चन्द्रकान्त को अपना प्रिय कवि बताते हुए उनकी कविता का पाठ किया। उन्होने इस सम्मान के लिए उन्हें शुभकामनाएं प्रेषित की। दिनेश्वर प्रसाद सिंह दिनेश ने प्रो राघव आलोक से अपने अंतरंग संबंधों की चर्चा की,साथ ही चन्द्रकान्त की कविताओं पर विहंगम दृष्टि डाली। मुख्य अतिथि जय चक्रवर्ती ने राघव आलोक द्वारा संपादित दस्तक पत्रिका के आदिवासी विशेषांक की चर्चा की साथ ही चन्द्रकान्त को इस सम्मान हेतु बधाईयां दी। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में अरविंद विद्रोही ने कार्यक्रम की रुपरेखा, राघव आलोक से अपने जुड़ाव की कहानी और चन्द्रकान्त के साहित्यिक पक्ष को उद्धृत किया। कार्यक्रम का संचालन वरुण प्रभात ने किया।धन्यवाद ज्ञापन एस एन सिंह बघेल नेकिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में अजय प्रजापति, विनय कुमार, गंगा प्रसाद अरुण, विनोद बेगाना,सुजय भट्टाचार्य, सुधा प्रजापति, यमुना तिवारी हर्षित, मसूद खान, विमल किशोर विमल, अशोक शुभदर्शी, सरदार बलबिंदर सिंह, राजदेव सिन्हा, वीणा पाण्डेय भारती की भूमिका महत्वपूर्ण रही.

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