नई दिल्ली दुनिया में फैली महामारी पर संयुक्त राष्ट्र की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि इस महामारी की वजह से मानव विकास कम से कम 5 साल पीछे हो गया है. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में खास तौर पर कोरोना महामारी को इसका जिम्मेदार ठहराया गया है. इसके साथ ही रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि महामारी ने अनिश्चितता की वैश्विक लहर को हवा दी है.
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने घोषणा की है कि 30 साल पहले इसे बनाने के बाद पहली बार, मानव विकास सूचकांक, देशों में जीवन की उम्मीदें, शिक्षा का स्तर और जीवन स्तर में लगातार दो सालों तक 2020 और 2021 में गिरावट आई है. समाचार एजेंसी एएफपी को दिए इंटरव्यू में यूएनडीपी प्रमुख अचिम स्टेनर ने कहा है कि इसका मतलब है कि हम समय से पहले मर रहे हैं, हम कम पढ़-लिख पा रहे हैं और हमारी आय भी कम हो रही है.
भविष्य के बारे में हताश, निराश और चिंतित हैं लोग
उन्होंने कहा कि इन तीन मापदंडों के तहत समझा जा सकता है कि इतने सारे लोग भविष्य के बारे में हताश, निराश और चिंतित क्यों महसूस कर रहे हैं. रिपोर्ट कहती है कि पिछले पांच सालों के लाभ को मिटाते हुए मानव विकास सूचकांक दशकों से लगातार बढ़ रहा है, लेकिन साल 2020 में ये खिसकना शुरू हुआ और साल 2021 तक इसकी गिरावट जारी रही.
कोरोना महामारी प्रमुख कारण
अनिश्चित समय, अस्थिर जीवन के शीर्षक के नाम से बनी इस रिपोर्ट में कोरोना महामारी को वैश्विक उलफेर के लिए प्रमुख कारण माना है, लेकिन इसके साथ ही इस रिपोर्ट में राजनीतिक, वित्तीय और जलवायु से संबंधित संकटों की एक जटिल संख्या ने आबादी को ठीक होने का समय नहीं दिया है. स्टेनर ने कहा कि हमने पहले भी आपदाए झेली हैं. हमारे बीच पहले भी विवाद हो चुके हैं, लेकिन हम जिस चीज का अभी सामना कर रहे हैं वो मानव विकास के लिए एक बड़ा झटका है.