जमशेदपुर, 2 अक्तूबर (संवाददाता): महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन की शायद जिद है कि वह हमेशा सुर्खिंयों में बना रहे. वह भी अच्छे कामों के लिए कम, अव्यवस्थाओं और लापरवाहियों के लिए ज्यादा. बुधवार को भी वह लापरवाही के लिए सुर्खियां बटोर गया. हुआ यह कि इमरजेंसी विभाग से करीब आधे घंटे तक डॉक्टर गायब रहे और वहीं मरीज दर्द से तड़पती रही। खून की उल्टियां करती रही. उसका इलाज करने को कोई मौजूद नहीं था। इससे मरीज व उनके परिजनों का आक्रोश बढ़ता गया और खूब हंगामा हुआ.
मौके पर होमगार्ड के जवानों ने पहुंचकर मामले को शांत कराने की कोशिश की लेकिन उनकी कोई सुनने को तैयार नहीं था. घटना की जानकारी अधीक्षक डॉ. आरके मंधान को हुई तो वह भी मौके पर पहुंचे और पूरे मामला को समझते हुए डॉक्टरों को विशेष दिशा-निर्देश दिया।
गंभीर थी मरीज की हालत, हो रही थी उल्टी
दरअसल, आजाद बस्ती से एक गंभीर मरीज पहुंचा था, जो खून से लतपथ था। उसे खून की उल्टी हो रही थी। मरीज को डॉक्टरों ने देखा और उसकी गंभीर स्थिति से परिजनों को अवगत कराया। इसके बाद मरीज के परिजन भर्ती कराने के लिए कागज बनाने रजिस्ट्रेशन काउंटर चले गए। इसी दौरान मरीज की मौत हो गई। इसके बाद परिजन डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उनके साथ गाली-गलौज करने लगे। इससे आक्रोशित डॉक्टर व नर्सें इमरजेंसी ड्यूटी छोड़कर बाहर निकल गईं। इसके बाद आधे घंटे तक इमरजेंसी विभाग खाली पड़ा रहा। डॉक्टरों का कहना है कि वह इलाज करने के लिए यहां है, किसी की गाली सुनने के लिए नहीं। जिस मरीज की मौत हुई है, उसे तत्काल देखा गया और दवा भी शुरू किया गया। इसके बावजूद मृतक के परिजनों द्वारा भद्दी-भद्दी गालियां दी गईं।
शव को लेकर भाग गए परिजन
हंगामा करने के बाद परिजन मृतक के शव को लेकर भाग गए। अस्पताल में उसका नाम तक दर्ज नहीं कराया गया है। इससे सवाल उठ रहा है कि आखिर उसे लेकर भागे क्यों?
40 मिनट तक टेंपो में ही बैठी रही मरीज
ओल्ड पुरुलिया रोड निवासी शकीरा खातून इमरजेंसी विभाग पहुंची तो कोई डॉक्टर नहीं था। इसके कारण वह करीब 40 मिनट तक टेंपो में ही बैठी रही। वह दस्त, उल्टी, सिर दर्द, बुखार सहित अन्य रोग से ग्रस्त थी। इसी तरह, दाईगुïट्टू निवासी अमित कुमार के पैर पर मोटरसाइकिल गिर जाने के कारण वह दर्द से परेशान रहे। ये दोनों मरीज आधे घंटे तक इमरजेंसी विभाग में बैठे रहे। डॉक्टर आने के बाद इन्हें देखा गया।
पूर्व में भी इमरजेंसी विभाग में हुआ था हंगामा
इमरजेंसी विभाग में डॉक्टर नहीं रहने और मरीज-डॉक्टर के दुव्र्यवहार की शिकायतें बार-बार सामने आती है। कई बार मरीज की मौत होने के बाद हंगामा होती है। लेकिन, इसके बावजूद प्रबंधन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। जिसका खामियाजा डॉक्टर व मरीज दोनों को उठाना पड़ रहा है।
सुरक्षा व्यवस्था होगी टाइट : अधीक्षक
एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आरके मंधान ने कहा कि मरीज की स्थिति गंभीर थी। उसका इलाज भी शुरू हुआ। इसके बाद परिजन भर्ती कराने के लिए कागज बनाने चले गए। इसी दौरान मरीज की मौत हुई। तभी, मृतक के परिजनों ने हंगामा व गाली-गलौज करने लगे। इसकी रोकथाम को लेकर वे उपायुक्त से मिलेंगे और सुरक्षा बढ़ाने की गुहार लगाएंगे। अस्पताल में पुलिस पिकेट की मांग लंबे अरसे से होते रही है।