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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 2024 में होने वाले आम चुनाव को लेकर विपक्षी एकता को एकजुट करने के प्रयास में चौंका देने वाली योजना सामने आई है. नीतीश कुमार पूरे देश का दौरा कर विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश करेंगे. बिहार के मुख्यमंत्री ने शनिवार को विपक्षी एकता का आह्वान करते हुए कहा कि भाजपा को विकल्प की तलाश करने वाले लोगों के कल्याण के लिए पार्टियों को अपने मतभेदों को दफनाने की जरूरत है.
जदयू की कार्यकारिणी में अहम फैसला
जनता दल (यूनाइटेड) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने दावा किया कि उनका एकमात्र लक्ष्य विपक्षी दलों को एकजुट करना है. पार्टी ने बाद में उन्हें इस एकता को स्थापित करने के लिए काम करने के लिए अधिकृत किया. बैठक में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया जिसमें आरोप लगाया गया कि भाजपा सरकार के तहत देश में एक ‘अघोषित आपातकाल’ है जो जांच एजेंसियों का ‘दुरुपयोग’ करके विपक्षी आवाजों को ‘चुप’ करने की कोशिश कर रही है.
भाजपा पर साधा निशाना
केंद्र की भाजपा सरकार असहमति के लोकतांत्रिक अधिकार को ‘देशद्रोह’ करार दे रही है. प्रस्ताव में कहा गया है कि देश भाजपा के विकल्प की तलाश कर रहा है. सभी विपक्षी दलों को अपने मतभेदों को भुलाकर एकजुट होने की जरूरत है.
केंद्र और भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप
इसमें भाजपा पर देश में सांप्रदायिक उन्माद भड़काने का भी आरोप लगाया. प्रस्ताव में कहा गया कि अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है. समाज में असहिष्णुता और उग्रवाद बढ़ा है. दलितों और आदिवासियों को परेशान किया जा रहा है. पार्टी ने सत्तारूढ़ भाजपा को उसकी सत्तावादी प्रवृत्तियों के लिए भी नारा दिया और दिल्ली और झारखंड सहित कई राज्यों में गैर-भाजपा सरकारों को अस्थिर करने के लिए सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधा.