: पेट्रोल डीजल के दामों में बड़ी राहत मिल सकती है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में बुधवार के ट्रेडिंग सेशन में बड़ी गिरावट आई है. कच्चे तेल के दाम 90 डॉलर प्रति बैरल के नीचे जा फिसला है. वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड ऑयल की कीमत 89.52 डॉलर प्रति बैरल तक जा लुढ़का है. तो ब्रेंट क्रूड पर कच्चा तेल के दाम 96 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. आपको बता दें ये लगातार महीना है जब कच्चे तेल के दामों में गिरावट आई है. अगस्त में कच्चे तेल के दामों में 10 फीसदी की गिरावट आ चुकी है.
क्यों कच्चे तेल के दामों में आई गिरावट
दरअसल यूरोप में एनर्जी क्राइसिस बढ़ता जा रहा है. जिसके चलते वहां मंदी आने का संकट है. तो चीन में फिर से कई शहरों में लॉकडाउन लगा दिया गया है जिससे ईंधन की मांग घट सकती है. जिसके चलते कच्चे तेल के दामों में गिरावट आई है. माना जा रहा है कि कच्चे तेल के दामों में गिरावट का ये सिलसिला आगे भी जारी रह सकता है. कच्चे तेल के दामों में आई इस गिरावट से भारत को बड़ी राहत मिल सकती है जो अपने खपत का 80 फीसदी के लिए आयात पर निर्भर करता है.
मूडीज एनालटिक्स से लेकर सिटीग्रुप (Citigroup) ने भी कच्चे तेल के दामों में बड़ी गिरावट की भविष्यवाणी की है. सिटीग्रुप (Citigroup) के मुताबिक 2022 के आखिर तक कच्चे तेल के दाम फिसलकर 65 डॉलर प्रति बैरल तक गिर सकता है. तो 2023 के आखिर तक दाम घटकर 45 डॉलर प्रति बैरल तक आ सकता है. मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कच्चे तेल के दाम 70 बैरल प्रति बैरल तक नीचे आ सकता है.
कच्चे तेल के दामों में गिरावट से भारत के लिए कई फायदे हैं. सरकारी तेल कंपनियों का नुकसान कम होगा. आम आदमी को महंगे ईंधन से राहत मिलेगी. कच्चे तेल के दामों में गिरावट से रुपये को भी मजबूती मिलेगी. डॉलर की मांग में कमी आएगी तो रुपया मजबूत होगा