अंकिता की हत्या के विरोध में विभिन्न संगठनों में भारी उबाल

हत्यारों को फांसी दें अन्यथा सड़क से सदन तक होगा उग्र आंदोलन : संजय गोराई

झारखंड में लोकतंत्र के 2 स्तंभ न्यायपालिका व पत्रकारिता जिंदा है और 2 स्तंभ विधायिका व कार्यपालिका भ्रष्टाचार और अमानवीय हरकतों के दलदल में डूब गया

चांडिल: अंकिता हत्याकांड के विरोध में गांव से शहर तक विभिन्न संगठनों में उबाल है। नरेंद्र मोदी विचार मंच व मिशन न्यू इंडिया के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष सह 2 इंटरनेशनल अवॉर्ड प्राप्त फिल्म निदेशक संजय गोराई ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि हेमंत सरकार सभी क्षेत्रों में विफल साबित हो गई हैं। जिस राज्य में बेटियां सुरक्षित नहीं उस राज्य की सरकार निकम्मी। सत्ताधारी पार्टी सत्ता बचाने के लिए अपने समर्थक विधायकों को दूसरे राज्य में एयरशिफ्ट करने में व्यस्त है इससे बड़ा शर्मनाक बात और क्या हो सकती है। मुख्यमंत्री को अपने हीं विधायक पर भरोसा नहीं है उनसे राज्य की विकास और सुरक्षा का भरोसा करना बेकार है। उन्होंने कहा कि अंकिता जघन्य हत्याकांड में पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह संदिग्ध है। इस मामले के आईओ रहे दुमका के डीएसपी नूर मुस्तफा ने अभियुक्तों को बचाने के नियत से इन अपराधियों को मानसिक रोगी साबित करना चाह रहा था। इससे पहले भी DSP नूर मुस्तफा पर विशेष समुदाय के अपराधियों को बचाने के आरोप लगे हैं इसके बाद भी उन्हें केवल अंकिता मामले से हटाया गया। इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है जो शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि हमारे संगठन के साथ देश का हर वर्ग हर संगठन की मांग है कि अंकिता के हत्यारों को फांसी की सजा सुनाई जाय। अन्यथा पूरे प्रदेश में हमारे संगठन की ओर से उग्र आंदोलन की जायेगी।

संजय गोराई ने कहा कि झारखंड में लोकतंत्र के 4 स्तंभों में 2 न्यायपालिका और पत्रकारिता जीवित है व 2 स्तंभ विधायिका व कार्यपालिका भ्रष्टाचार और अमानवीय हरकतों के दलदल में डूब गया है। उन्होंने कहा कि झारखंड उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस डॉ0 रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद के खंडपीठ ने छात्रा अंकिता हत्याकांड का स्वतः संज्ञान लिया और मीडिया इस जघन्य अपराध के खिलाफ मुखर होकर आवाज बुलंद कर रही है, इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाय कम ही होगी। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका व पत्रकारिता ने प्रमाणित कर दिया कि देश और अपना कर्तव्य सर्वोपरि है।

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