उपयुक्त मंच के अभाव में गुमनाम हो रही हैं प्रतिभाएं : संजय गोराई
कोल्हान के टैलेंट राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपना हुनर दिखाने में कामयाब हो रहे हैं. सिनेमा निर्देशन, छऊ नृत्य, चित्रकला आदि में चांडिल अनुमंडल के दर्जनों कलाकारों ने अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपना प्रतिभा दिखाने में सफल हुए हैं. इस कड़ी में फिल्म निर्देशक संजय गोराई, अंतराष्ट्रीय मानभूम शैली छऊ नृत्य प्रशिक्षक उस्ताद अधर कुमार, लीफ आर्टिस्ट भरत जीत महतो व आर्टिस्ट सौरभ प्रमाणिक का नाम मुख्य रूप में लिया जा सकता है. मां मनसा फिल्म्स के बैनर तले निर्माता सुधीर गोराई व निर्देशक संजय गोराई निर्देशित प्रथम हिंदी लघु सिनेमा ‘रानी – एन अनटोल्ड स्टोरी इन एवरी रूरल गर्ल्स’ को झारखंड सरकार द्वारा 2018 में आयोजित प्रथम अंतराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में ज्यूरी अवॉर्ड मिला था. अगस्त 2022 में झारखंड सरकार द्वारा आयोजित भगवान बिरसा मुंडा इंटरनेशनल ट्राइबल फिल्म फेस्टिवल में बो एंड एरो पिक्चर्स के बैनर तले निर्माता डी0 तारकेश्वर राव व निर्देशक संजय गोराई निर्देशित ‘अमित मोदक – फॉलोइंग दी लीजेंड’ को सर्वश्रेष्ठ हिंदी लघु फिल्म का अवॉर्ड मिला. फिल्म के मुख्य किरदार में गम्हरिया के युवक अमित मोदक ने स्वयं अभिनय किया और सह निर्देशक चांडिल का दीना पांडा है. इस फिल्म को 2022 में 18 राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भी नामांकन मिला.
फिल्म निर्देशक संजय गोराई फिल्म के कहानी के विषय में कहते हैं कि गम्हरिया जैसी एक छोटी सी बस्ती के युवक अमित मोदक ने कठिन संघर्ष और परिस्थितियों से लड़कर मार्शल आर्ट्स में विश्व कीर्तिमान स्थापित किया उसी पर बॉयोपिक फिल्म है. उन्होंने कहा कि झारखंड में गांव से शहर तक प्रतिभाओं की कमी नहीं है. लेकिन उपयुक्त मंच के अभाव में प्रतिभायें गुमनाम हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सृष्टि के वरदान से पूरे राज्य में अनुपम छटा से भरा प्राकृतिक सौंदर्य है, जो फिल्म निर्माण उद्योग के लिए असीम संभावनाओं की द्वार खोलती हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में निरंतर फिल्मों की निर्माण होने से स्थानीय कलाकारों के साथ अन्य लोगों को भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार का अवसर उपलब्ध होगा और राज्य सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी. लेकिन सरकार की उदासीनता के कारण इस प्रदेश में फिल्म निर्माण उद्योग का रूप धारण नहीं कर पा रहा है.