, कुछ दिनों पहले ही बैंक से हटा ली गई थी सिक्योरिटी
जमशेदपुर
मानगो स्थित उलीडीह थाना से महज 200 मीटर की दूरी पर गुरुवार की सुबह 6 अपराधियों ने बैंक में डकैती की घटना को अंजाम दिया. मास्क पहनकर आए अपराधियों ने बैंक कर्मियों और ग्राहकों को बंधक बनाया और खुद को सीबीआई का अधिकारी बताकर बैंक के लॉकर से नकद समेत लाखों का सोना लेकर आराम से चलते बने. जाते जाते अपराधियों ने बंधक बने लोगों को बैंक के अंदर बंद करते हुए बैंक का डीवीआर निकाला और वर्चस्व कायम करने के लिए बैंक के बाहर हवाई फायरिंग भी की. बैंक मैनेजर राहुल कुमार के अनुसार बैंक से लगभग 35 लाख रुपये कैश और लाखों की कीमत के गोल्ड की डकैती हुई है. सभी डकैतों की यह वारदात सीसीटीवी में कैद हो गई है.
बैंक में सीबीआई की रेड बताकर दिया घटना को अंजाम
बैंक कर्मी विजय ने बताया कि सुबह 9.55 में बैंक में सफाई कर्मी आये थे. इसी बीच बैंक में कुछ ग्राहक भी पहुंचे. थोड़ी देर बाद ही बैंक में चार लोग घुसे और सभी को अपना मोबाइल एक बैग में डालने को कहा. पूछने पर उनमें से एक ने बताया कि बैंक में सीबीआई की रेड पड़ी है, इसलिए सभी मोबाइल जमा कर दें. उनमें से एक अपराधी गेट के अंदर और एक गेट के बाहर खड़ा था और दो लोग बैंक के कर्मचारियों के पास गये और सभी कर्मियों को एक कमरे में ले गये. बैंक के वॉल्ट से रुपये निकालकर एक बैग में भरा और बैंक के बाहर ताला लगाकर चले गये. डकैत अपने साथ खुद का ताला लेकर आये थे. जाते–जाते उन्होंने सभी का मोबाइल भी बैंक के बाहर रख दिया.
अलग–अलग भागे सभी अपराधी
बाहर निकलने के बाद एक अपराधी रुपये से भरा एक बैग लेकर अकेले पैदल ही डिमना चौक की ओर भागा, जबकि एक अपराधी ऑटो में बैठकर मानगो चौक की ओर गया. बाकी चार अपराधियों में तीन एक बाइक से डिमना चौक की ओर भाग निकले. उनमें से एक ने हवाई फायरिंग भी की ओर एक अपराधी दूसरी बाइक से डिमना चौक की ओर भागा.
एक हफ्ते पहले ही बैंक से सिक्योरिटी कंपनी ने हटा लिए थे गार्ड
इधर घटना के बाद मौके पर पहुंचे एसएसपी प्रभात कुमार, डीएसपी पटमदा सुमित कुमार, डीएसपी मुख्यालय-1 वीरेंद्र राम, एमजीएम थाना प्रभारी मिथलेश कुमार और उलीडीह थाना प्रभारी मेघनाथ मंडल के अलावा अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच में जुट गए. जांच के दौरान पुलिस ने बैंक के बाहर से एक खोखा भी बरामद किया है. पुलिस ने मौके पर मौजूद सभी कर्मी और ग्राहकों से पूछताछ की. जांच में यह बात सामने आयी है कि कुछ दिनों पहले ही बैंक से सिक्योरिटी गार्ड को हटा लिया गया था. सिक्योरिटी गार्ड प्रदान करने वाली कंपनी का बैंक से कांट्रेक्ट खत्म हो गया था जिसके बाद से बैंक में कोई भी सिक्योरिटी गार्ड मौजूद नहीं था. पुलिस यह मान रही है कि बैंक के स्टाफ की मिलीभगत से ही घटना को अंजाम दिया गया है.