नाबालिग बच्चे की बेहरमी से हत्या के आरोपी को मिली फांसी की सजा

सुपाय चाम्पिया पर एक लाख का जुर्माना भी

चाईबासा कार्यालय, 17 अगस्त :प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश चाईबासा विश्वनाथ शुक्ला की अदालत ने बुधवार को गुवा थाना के मुण्डासाई निवासी 29 वर्षीय सुपाय चाम्पिया को नाबालिग बच्चे लक्ष्मण पुरती उर्फ मुटकून की निर्मम हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनायी है और एक लाख रूपये का जुर्माना लगाया है। इस हत्याकांड में मृतक लक्ष्मण पुरती के पिता जुयल पुरती ने गुवा थाना कांड संख्या 10/2022, धारा 302, 201 भादवि के तहत सुपाय चाम्पिया उर्फ चा$डा के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराया था। प्राथमिकी में कहा गया था कि 11 वर्षीय लक्ष्मण पुरती उर्फ मुटकून अपने दोस्तो के साथ कारो नदी 23 अप्रैल 2022 को नहाने गया था। नहा कर लौटे समय अभियुक्त सुपाय चाम्पिया ने लक्ष्मण एवं उनके दोस्तो को बिजली के करंट से मछली मारने की बात कहकर पुन: नदी ले गया। वहां उसे नदी में डाले गये विद्युत तार को खींच कर निकालने के लिए बोला, यह सुनकर लक्ष्मण के सभी दोस्त भाग गये, लेकिन सुपाय ने लक्ष्मण को पक$ड लिया। इसके द्वारा तार निकालने से इंकार करने पर अभियुक्त सुपाय ने उसे उठाकर जमीन पर पटक दिया और गला दबा कर हत्या कर दी और शव को छुपाने के लिए कारो नदी में फेंक दिया। इस मामले में 8 गवाहो की बयान दर्ज किये गयें। साक्ष्य मिल जाने के बाद माननीय न्यायालय द्वारा फांसी की सजा सुनायी गयी। अपर लोक अभियोजक और सहायक नीरज कुमार वादी की ओर से पैरवी कर रहे थे जबकि बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता डी.एस. हेस्सा एवं मनीष देवगम केस ल$ड रहे थे। केष को अनुसंधानकत्र्ता पुअनि धंनजय कुमार सिंह ने काफी मजबूती से डायरी प्रस्तुत किया। कई मामले में चाईबासा न्यायालय के लिए आज महत्वपूर्ण रहा। 5 महीने में सत्र वाद 142/2022 पर फैसला लिया गया। पुरी सुनवाई 30 से 35 दिनो में पुरी की गयी। बार के अधिवक्ताओं ने बताया कि 20 से 25 साल पहले चाईबासा न्यायालय के प्रथम अपर जिला सत्र न्यायाधीश राम प्रमोद सिंह की अदालत ने एक व्यक्ति को फांसी की सजा सुनायी थी।

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