RANCHI 11 AUGUST पूर्व मंत्री और जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक सरयू राय ने मेनहर्ट घोटाले की जांच की मांग को लेकर झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. वरिष्ठ विधायक सरयू राय ने हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिट दाखिल कर पूरे मामले की जांच करवाने की मांग अदालत से की है. सरयू राय ने अपनी याचिका में कई दस्तावेज भी संलग्न किये हैं. याचिका में ACB को पार्टी बनाया गया है. यह जानकारी साझा करते हुए सरयू राय ने ट्वीट किया है. अपने ट्विवटर वाल पर उन्होंने लिखा है कि “मेनहर्ट घोटाला की जांच
में आरोप सिद्ध हो जाने, मुख्य अभियुक्त सहित कई अभियुक्तों का जवाबी बयान आ जाने के बावजूद सरकार द्वारा आगे की कार्रवाई नहीं करने के विरुद्ध उन्होंने झारखंड उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की है. याचिका पर सुनवाई की प्रतीक्षा है”
बता दें कि निर्दलीय विधायक सरयू राय ने पिछले साल संपन्न हुए झारखंड विधानसभा सत्र के दौरान भी ‘मैनहर्ट’ का मुद्दा उठा चुके हैं. सरयू राय ने बताया कि झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद रांची के कुछ समाजसेवी की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दी गई जिसमें कोर्ट ने 2003 में अहम आदेश दिया था. इसमें प्रदेश सरकार को राजधानी रांची में भी सीवरेज-ड्रेनेज प्रणाली विकसित करने के लिए कहा था. उस आदेश के बाद तत्कालीन नगर विकास मंत्री बच्चा सिंह के आदेशानुसार, परामर्शी बहाल करने के लिए टेंडर निकाल कर दो परामर्शियों का चयन किया गया. लेकिन इसी बीच सरकार बदल गई.
2005 में अर्जुन मुंडा सरकार में नगर विकास मंत्री रघुवर दास बनाये गए. उन्होंने डीपीआर फाइनल करने के लिए 31 अगस्त को बैठक बुलाई. फिर उसमें फैसला लिया गया कि पहले से चयनित परामर्शी को हटा दिया जाये. बाद में ये मामला हाईकोर्ट में भी गया. आरोपों के मुताबिक, इसपर तकरीबन 21 करोड़ रुपये खर्च हुए, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं हुआ. इसकी जांच भी करायी गई लेकिन जांच
रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. झारखंड की राजधानी रांची में सिवरेज-ड्रेनेज निर्माण के लिए डीपीआर तैयार करने के लिए जिस मैनहर्ट को कंसल्टेंट नियुक्त किया गया, उसमें अनियमतता का आरोप है.
2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार सरयू राय ने इसे अपना चुनावी मुद्दा भी बनाया. चुनाव जीत जाने के बाद उन्होंने इस मामले की जांच के लिए कई बार मुख्यमंत्री से मांग भी की. अक्टूबर 2020 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मैनहर्ट मामले की जांच एसीबी को सौंप दी. एसीबी ने नवंबर 2020 के पहले हफ्ते में प्रारंभिक जांच दर्ज की. मैनहर्ट घोटाला में एसीबी ने जून 2021 के तीसरे हफ्ते में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास समेत कुछ लोगों को नोटिस भेजकर अपना पक्ष रखने के लिए कहा था.