चांडिल : एडवेंचर एक्टिविटीज़ में सुरक्षा की अनदेखी, निर्देश के बावजूद प्रचार प्रसार के लिए स्थानीय प्रशासन ने नहीं लगवाया होर्डिंग्स – बैनर

चांडिल । पर्यटन विभाग की ओर से चांडिल में तीन दिवसीय निशुल्क एडवेंचर गतिविधि का आयोजन किया गया, जिसका आज समापन हुआ। बताया जाता है कि यहां एडवेंचर गतिविधि के लिए जिला प्रशासन को पर्यटन विभाग की ओर से पत्राचार किया गया था, जिसमें निर्देश दिया गया था कि तीन दिवसीय निशुल्क एडवेंचर गतिविधि का आयोजन हो। इस आयोजन में सुरक्षा व्यवस्था करने के साथ साथ आसपास के क्षेत्र में व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार करने का निर्देश दिया गया था। प्रचार प्रसार के लिए प्रशासन को जगह जगह होर्डिंग्स व बैनर लगाने के निर्देश दिए गए थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यहां चांडिल क्षेत्र में एक भी होर्डिंग्स। बैनर नहीं लगाए गए। यानी सीधे तौर पर विभाग के निर्देश की अवहेलना किया गया। यहां तक की क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित नहीं किया गया। विभाग ने जिस तरह से प्रचार प्रसार करने का निर्देश दिया था, उसके अनुसार प्रचार प्रसार बिल्कुल भी नहीं हुआ। वहीं, एडवेंचर गतिविधि में भी सुरक्षा की अवहेलना हुई। गनीमत रही कि तीन दिवसीय आयोजन में किसी तरह की हताहत नहीं हुई। यहां पहाड़ों में ट्रैकिंग और चांडिल डैम में बोटिंग कराया गया। इस दौरान लोगों के सुरक्षा की अनदेखी की गई। एडवेंचर गतिविधि के शुभारंभ में सरायकेला खरसवां जिले के उप विकास आयुक्त को एडवेंचर कराया गया, उन्हें पहाड़ों में ट्रेकिंग कराया गया। लेकिन उनकी सुरक्षा की अनदेखी की गई। उपविकास आयुक्त को नंगे पैर ही ट्रैकिंग कराया गया, जिससे कि दुर्घटना की संभावना बनी हुई थी। पर्यटक यहां बोटिंग का जमकर आनंद उठाए, लेकिन इस दौरान पर्यटकों की सुरक्षा को ताक में रखकर बोटिंग की गई। दुधमुंहे बच्चों को लेकर भी पर्यटकों को बोटिंग करते हुए देखा गया। वहीं, अनियंत्रित ढंग से बोट संचालन का दृश्य देखने को मिला। जिससे कभी भी अनहोनी होने की संभावना बनी हुई थी।
यहां पर आयोजित टी। दिवसीय एडवेंचर एक्टिविटीज़ के संचालन की जिम्मेदारी गिरिडीह के एक एजेंसी को दी गई थी, जिसके लिए कुल छह लाख रुपये का बजट बनाया गया है। गिरिडीह के एजेंसी को एडवेंचर गतिविधि संचालन की जिम्मेदारी दिए जाने से स्थानीय लोगों में नाराजगी देखी गई।
लोगों ने कहा, विशेष तौर पर चांडिल डैम के विस्थापितों का कहना है कि पर्यटन विभाग स्थानीय लोगों को रोजगार देने का दावा करती हैं लेकिन यहां बार साल एडवेंचर एक्टिविटीज़ का काम गिरिडीह के एजेंसी को दी जाती हैं। यहां बाहरी एजेंसी अपने लोगों को साथ लेकर आती हैं और काम करती हैं, ऐसे में भला कैसे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।

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