चांडिल । सरायकेला – खरसवां जिले के चांडिल अंचल अंतर्गत डोबो के हनुमान नगर की जमीन का विवाद का मामला बढ़ते ही जा रहा है। बीते 19 जुलाई को जमीन घेराबंदी के दौरान प्रशासन और स्थानीय ग्रामीणों के बीच बवाल हुआ था। इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ है। वायरल वीडियो में चांडिल अंचलाधिकारी प्रणव अम्बष्ट द्वारा डोबो निवासी बलराम महतो का गर्दन दबाकर धक्का मुक्की करने का दृश्य देखा जा रहा है। उक्त वायरल वीडियो के बाद पूरे राज्य में चांडिल सीओ (अंचलाधिकारी) के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठने लगी हैं। वहीं, दूसरी ओर वीडियो वायरल होने के दो दिन बाद चांडिल एसडीओ रंजीत लोहरा स्वयं सीओ के बचाव में उतर आए। गुरुवार को एसडीओ ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की, जिसमें कुछ गिने चुने मीडिया हाउस के पत्रकारों को आमंत्रित किया गया था। यहां प्रेस कांफ्रेंस में एसडीओ ने सोशल मीडिया यूजरों को कार्रवाई करने की धमकी भी दे दिया। वहीं, चांडिल सीओ से संबंधित वायरल वीडियो को झूठा करार दिया।
CHANDIL ps 168 of 2022एसडीओ ने कहा कि वायरल वीडियो के एक अंश को काटकर वायरल किया गया है, भ्रामक प्रचार किया गया। एसडीओ ने कहा कि उक्त जमीन विधायक सविता महतो की खरीदी जमीन है, उनके आवेदन पर ही जमीन का सीमांकन किया जा रहा था कि इसी दौरान डोबो निवासी बलराम महतो ने वहां पर आकर व्यवधान उत्पन्न किया था। बलराम महतो वहां से भागने के क्रम में धक्का मुक्की कर रहा था।
एसडीओ द्वारा प्रेस कांफ्रेंस के बाद विधायक समर्थकों द्वारा सोशल मीडिया पर एसडीओ के वीडियो को वायरल किया गया। हो सकता है कि विधायक और एसडीओ ने सुनियोजित तरीके से प्रेस कांफ्रेंस किया हो और बाद में वीडियो को वायरल भी किया गया। एसडीओ के वीडियो वायरल होने के बाद इधर डोबो निवासी बलराम महतो ने भी सभी मीडिया को एक वीडियो भेजा है। बलराम महतो द्वारा भेजे गए वीडियो में स्वयं बलराम महतो हैं और वे कह रहे हैं कि 19 जुलाई को जमीन घेराबंदी चल रही थी, उस समय उसने किसी तरह का नशा नहीं किया था। वहां उसका घर है, वर्षो से वहां रह रहा है। उसी जमीन पर उसे बिजली कनेक्शन मिली है। इसके अलावा सरकारी आवास व शौचालय भी मिली है। जब जमीन की घेराबंदी शुरू हुई तो प्रशासन के अधिकारियों को बताने गए थे कि उक्त जमीन पर मेरा घर है, यहां गलत तरीके से सीमांकन किया जा रहा है, जिसपर सीओ ने गर्दन दबाकर धक्का मुक्की की। गर्दन दबाने से कुछ समय के लिए सांस भी रुक गई थी।
अब मामले में नया मोड़ आ गया है। अब बलराम महतो एवं किसी मनोज के खिलाफ कपाली ओपी में एफआईआर दर्ज कराया गया है। चांडिल अंचल के निरीक्षक ने आवेदन देकर एफआईआर दर्ज कराया है। एफआईआर के आवेदन में कहा गया है कि 19 जुलाई को डोबो के जमीन पर सीमांकन का काम हो रहा था, जहां अंचल निरीक्षक स्वपन मिश्रा दंडाधिकारी व अंचलाधिकारी प्रणव अम्बष्ट वरीय दंडाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त थे। बलराम महतो व मनोज समेत 20 – 25 अज्ञात लोगों पर आरोप लगाया गया है कि इनलोगों द्वारा जमीन सीमांकन के दौरान व्यवधान उत्पन्न किया गया था। इनके विरुद्ध सरकारी काम में बाधा उत्पन्न करने एवं अन्य धाराओं के साथ मामला दर्ज किया गया है।
अब देखने वाली बात होगी कि पिछले दिनों हुए बवाल के बाद भी अब उक्त जमीन का घेराबंदी होगा या नहीं। प्रशासन अब भी सवालों के घेरे में है। जिस जमीन को लेकर विधायक सविता महतो और डोबो क सर्वेश्वर सिंह सरदार के बीच विवाद चल रहा है, उसका मामला सरायकेला कोर्ट में भी विचाराधीन है। इसके बावजूद प्रशासन द्वारा जमीन पर सीमांकन कराने के लिए तत्परता दिखाना कई सवाल खड़े कर रहे हैं। इधर, जमीन के दावेदार सर्वेश्वर सिंह सरदार एवं अन्य दावेदारों ने बताया कि उनके खतियान की प्रति को चाईबासा रिकॉर्ड रूम से गायब कर दिया गया है। इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए, जांच होगी तो सबकुछ दूध का दूध और पानी का पानी होगा।