फिलहाल कांग्रेस में रहेंगे, जीवन में लेने प?ते हैं कई कठोर निर्णय
रायपुर 16 जुलाई छत्तीसगढ के कद्दावर नेता टीएस सिंहदेव ने शनिवार को पंचायत मंत्री के पद से इस्तीफा देने के साथ यह कहते हुए खलबली मचा दी है कि उनके धैर्य की छत्तीसगढ के पंचायत एवं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने? शनिवार को पंचायत मंत्री के पद से इस्तीफा देने के साथ यह कहते हुए खलबली मचा दी है कि उनके धैर्य की परीक्षा ली जा रही है। पारिवारिक पृष्टभूमि कांग्रेस की है और फिलहाल वे कांग्रेस में ही रहेंगे, लेकिन जीवन में कई निर्णय लेने प?ते हैं। इस्तीफे के एक दिन पूर्व शुक्रवार को उन्होंने संभाग के कांग्रेस पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी। टीएस सिंहदेव के इस निर्णय ने भूपेश बघेल कैबिनेट में भूचाल ला दिया है। सिंहदेव अगर सख्त रूख अपनाते हैं तो छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को बड़ा नुकसान होने से इनकार नहीं किया जा सकता।
बता दें कि टीएस सिंहदेव छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कई बार कह चुके हैं। कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को अब निर्णय ले लेना चाहिए। पिछले सा?े 3 साल के भूपेश सरकार के कार्यकाल में न सिर्फ टीएस सिंहदेव की लगातार उपेक्षा की गई, बल्कि उन्हें कमजोर भी किया गया। टीएस के समर्थक विधायकों ने पाला बदल लिया। सिंहदेव के खास समर्थक माने जाने वाले विधायक भी अब उनके साथ नहीं हैं। अपने विभागों के कई कामकाज को लेकर उन्होंने भूपेश बघेल को पत्र लिखा, जिस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। लगातार उपेक्षा से उन्होंने अब सख्त रूख अपना लिया है।
इस्तीफा से पहले कांग्रेस नेताओं के साथ की बैठक
टीएस सिंहदेव गुरुवार 14 जुलाई को सरगुजा के दौरे पर पहुंचे थे। तब से ही इस तरह के कयास लगाए जा रहे थे कि वे कोई ब?ा निर्णय ले सकते हैं। उन्होंने शुक्रवार को अविभाजित सरगुजा के तीनों जिले के वरिष्ठ कांग्रेस पदाधिकारियों के साथ एक बैठक भी की थी। इसके बाद शनिवार को उन्होंने पंचायत विभाग के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद वे अपने प्रभार वाले बाकी विभागों में कैबिनेट मंत्री बने रहेंगे। टीएस सिंहदेव के इस इस्तीफे के साथ ही यह भी कयास लग रहा है कि वे आने वाले समय में कोई ब?ा निर्णय ले सकते हैं। बघेल व सिंहदेव के बीच की लड़ाई अब खुलकर सामने आ गई है।